चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को अगले साल की शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने करने की घोषणा कर दी है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी के नाम की घोषणा चुनाव आयोग से परामर्श करने के बाद की जाएगी। अमरिंदर सिंह की पार्टी बीजेपी से गठबंधन करेगी।
अमरिंदर सिंह ने मीडिया से कहा कि वह राज्य से जुड़े मुद्दों को लेकर गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। हाल के दिनों में उनसे यह उनकी तीसरी मुलाकात होगी।
दो बार के पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत-पाकिस्तान सीमा के 50 किलोमीटर तक बीएसएफ की तैनाती का समर्थन करते हुए कहा कि यह राज्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
कांग्रेस से इस्तीफे पर उन्होंने जवाब दिया कि मैं पिछले 52 वर्षों से कांग्रेस में हूं। अगर मैं अगले 10 दिनों के लिए इस्तीफा नहीं देता हूं, तो इसमें क्या हर्ज है।
इससे पहले, अपने पूर्व कांग्रेस सहयोगियों द्वारा व्यक्तिगत हमलों का जवाब देते हुए, अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा था कि व्यक्तिगत हमलों के बाद अब वे लोग पटियाला और अन्य जगहों पर मेरे समर्थकों को धमका रहे है और उनको परेशाान कर रहे है।
मैं अपने प्रतिद्वंद्वियों को बता दूं कि वे मुझे इस तरह के निम्न-स्तरीय राजनीतिक खेलों के जरिए मुझे नहीं हरा सकते है। वे इस तरह की रणनीति से न तो वोट जीत पाएंगे और न ही लोगों का दिल।
उन्होंने कहा कि जो लोग मेरे साथ खड़े हैं, वह इन तब कृत्यों का जबाव इसलिए नहीं देते है, क्योंकि वे पंजाब की शांति और विकास में विश्वास करते हैं और काम करना जारी रखना चाहते हैं।
वे डराने-धमकाने या उत्पीड़न के इस तरह के छोटे-छोटे कृत्यों से नहीं डरेंगे। हम पंजाब के भविष्य के लिए लड़ना जारी रखेंगे।
कांग्रेस को औपचारिक रूप से अलविदा कहते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह जल्द ही लोगों के हितों की सेवा के लिए अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने की घोषणा करेंगे।
इनमें वे किसान भी शामिल हैं जो एक साल से अधिक समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसानों के मुद्दों को उनके हित में हल किया जाता है, तो उन्हें राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ सीट बंटवारे की व्यवस्था की उम्मीद है।
पूर्व मुख्यमंत्री कहा कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि वह अपने लोगों और अपने राज्य का भविष्य सुरक्षित नहीं कर लेते।
अपने इस्तीफे के बाद, अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
अमरिंदर सिंह ने पहले भी एक ट्वीट किया था, पंजाब को आंतरिक और बाहरी खतरों से राजनीतिक स्थिरता और सुरक्षा की जरूरत है। मैं अपने लोगों से वादा करता हूं कि शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगा।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से अमरिंदर सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू पर सार्वजनिक रूप से यह कहकर निशाना साध रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए अपने संभावित उत्थान के लिए डटकर मुकाबला करेंगे और देश को इस तरह के खतरनाक व्यक्ति से बचाने के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया है कि गांधी भाई-बहन (प्रियंका और राहुल) काफी अनुभवहीन है और उनके सलाहकार स्पष्ट रूप से उन्हें गुमराह कर रहे है।
अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के भीतर महीनों तक चले संघर्ष के बाद 18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।