वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका ट्रांसअटलांटिक साझेदारी में लौट रहा है और जलवायु परिवर्तन एवं कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करेगा।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बाइडेन ने म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में उपस्थित लोगों को एक वीडियो संदेश में कहा, मैं दुनिया को एक स्पष्ट संदेश भेज रहा हूं: अमेरिका वापस आ गया है।
ट्रान्सअटलांटिक गठबंधन वापस आ गया है और हम पीछे नहीं देख रहे हैं। इस साल कोरोनावायरस महामारी के कारण म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस का आयोजन वर्चुअली किया गया।
इस आयोजन में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन ने कहा कि उनका प्रशासन अपने यूरोपीय संघ (ईयू) के सहयोगियों और पूरे महाद्वीप में राजधानियों के साथ मिलकर काम करेगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन ( नाटो) के साथ अपने गठबंधन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
बाइडेन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पिछले प्रशासन के दौरान बिगड़ते अमेरिका-यूरोप संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, मुझे पता है कि पिछले कुछ वर्षों में ट्रांसअटलांटिक संबंधों को परखा गया है..अमेरिका यूरोप के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि वाशिंगटन साझा चुनौतियों को पूरा करने के लिए अपने यूरोपीय संघ के भागीदारों के साथ मिलकर काम करेगा और यूरोप के लक्ष्यों का समर्थन करना जारी रखेगा।
बाइडेन ने वैश्विक अस्तित्व संकट की चेतावनी देते हुए अमेरिका के यूरोपीय सहयोगियों से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए प्रतिबद्धताओं को दोगुना करने का आग्रह किया।
वाशिंगटन के औपचारिक रूप से पेरिस समझौते पर लौटने के कुछ ही घंटों बाद बाइडेन ने कहा कि हम अब देरी नहीं कर सकते हैं या जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बहुत कुछ कर सकते हैं।
बाइडेन ने कहा कि कोविड-19 महामारी एक ऐसे मुद्दे का उदाहरण है जिसे वैश्विक सहयोग की आवश्यकता थी।
उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुधार और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के निर्माण का आह्वान किया जो जैविक खतरों पर केंद्रित है और तेजी से कार्रवाई शुरू कर सकता है।