नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को बीते साल पद से हटाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान पर दबाव डाला गया था।
इसका खुलासा मीडिया रिपोर्ट ने उसके हाथ लगे पाकिस्तान सरकार के क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट (classified document) के आधार पर किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा न्यूट्रल रुख रखने के कारण हुआ।
PM खान को पद से हटाने का दबाव
अमेरिकी विदेश विभाग ने 7 मार्च, 2022 को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक में पूर्व पीएम खान को पद से हटाने का दबाव बनाया था। इमरान लंबे वक्त से यह कहते रहे हैं कि अमेरिका की साजिश के चलते उनकी सरकार का तख्तापलट किया गया था।
इसके बाद पाकिस्तान में पीएम शहबाज शरीफ की सरकार बनीं। इमरान फिलहाल भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जेल में बंद हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत की मीटिंग यूएस के दो स्टेट डिपार्टमेंट के अधिकारियों से हुई थी।
इस मीटिंग के एक महीने के बाद पाकिस्तान की संसद में इमरान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी। ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन से इमरान खान की सरकार गिरी।
अमेरिका इमरान को पद से हटाना चाहता है
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत द्वारा बैठक से तैयार किए गए नोट्स को साइफर के रूप में जाना जाता है, इस पाकिस्तान को भेजा गया। इससे पता चलता है कि इमरान के खिलाफ अमेरिकी विदेश विभाग ने क्या तरीका इस्तेमाल किया।
अमेरिका ने इमरान के हटाने पर इस्लामाबाद के साथ अच्छे संबंध रहने की बात कही थी। ऐसा नहीं करने पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की धमकी दी गई।
कहाँ से मिली ये जानकारी
मीडिया रिपोर्ट ने पाकिस्तानी सेना के सूत्रों से जानकारी मिलने का दावा किया है। बताया गया कि ‘सीक्रेट’ नाम के दस्तावेज से यह पता चलता है कि यूएस स्टेट विभाग के अधिकारियों के साथ अमेरिका के सेंट्रेल एशिया के अतिरिक्त सचिव डोनल्ड ल्यू भी मीटिंग में मौजूद थे। उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत माजिद खान पर इमरान खान को पद से हटाने का दबाव डाला था।