America Embraced Yunus: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर हिंदुओं के साथ हो रही अमानवीयता के खिलाफ अमेरिका में जमकर विरोध प्रदर्शन (Protests) हो रहे हैं।
मांग की जा रही है कि अमेरिका इस मामले में हस्तक्षेप करे और सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने का दबाव बनाए।
इधर, अमेरिका भारत को आश्वासन देता रहा है कि बांग्लादेश में हो रही अमानवीयता (Inhumanity) को अमेरिका बर्दाश्त नहीं करेगा और इसके समाधान के लिए प्रयास करेगा।
आज यही अमेरिका मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) के साथ गलबहियां डालकर कह रहा है कि हम बांग्लादेश के साथ हैं। खबर है कि अब अमेरिका ने भी अंतरिम सरकार का समर्थन करने का फैसला लिया है।
हाल ही में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी। खास बात है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन की साजिश के आरोप अमेरिका पर भी लग रहे हैं।
प्रतिनिधि मंडल ने की थी यूनुस से मुलाकात
15 सितंबर को भी अमेरिका के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब आर्थिक विस्तार और राजनीतिक संबंधों को लेकर भरोसा दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्य सलाहकार के दफ्तर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि बाइडेन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही है। प्रेस नोट के मुताबिक, बाइडेन का कहना है कि अगर अपने देश के लिए छात्र इतना कुछ कुर्बान कर सकते हैं, तो उन्हें थोड़ी और मदद करनी चाहिए।
न्यूयॉर्क में यूनुस और बाइडेन की भेंट
यूनुस और बाइडेन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर न्यूयॉर्क में मुलाकात की थी। 8 अगस्त को यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के तौर पर शपथ ली थी। मुल्क में सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ जारी छात्रों का आंदोलन अगस्त की शुरुआत से ही हिंसक हो गया था।
इसके पहले 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और मुल्क छोड़कर भारत आ गई थीं। तब से वह भारत में ही हैं। खबरें हैं कि बांग्लादेश उनके प्रत्यर्पण के लिए कोशिश कर सकता है।
हसीना का कहना था कि अगर वह सेंट मार्टिन द्वीप (Saint Martin Island) की संप्रभुता से समझौता कर लेती और बंगाल की खाड़ी पर अमेरिका का प्रभाव पड़ने देतीं, तो वह प्रधानमंत्री बनी रह सकती थीं।
बांग्लादेश की पूर्व PM के बेटे शाजिब वाजेद ने इस बात से इनकार किया था कि उनकी मां ने ऐसा कोई बयान दिया है। वहीं, अमेरिका ने भी बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल देने की बात से मना किया था।