रांची में एक अफवाह और सड़क पर उतर गए DIG, City SP और City DSP, की गई फोर्स की तैनाती

News Aroma Media

रांची: रजधानी रांची के हरमू रोड ईदगाह के पास अमीर-ए-तबलीगी जमात हाजी गुलाम सरवर (Amir-e-Tabligi Jamaat Haji Ghulam Sarwar) के जनाजे की नमाज में शामिल भीड़ शनिवार की देर रात उस समय उग्र हो गई, जब आसपास से भीड़ पर पथराव का हल्ला हुआ।

इस दौरान हरमू रोड मुख्य मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। हंगामा के बीच नारेबाजी शुरू हो गई। इससे गाड़ीखाना चौक के पास अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

कुछ ही देर में तरह-तरह की अफवाह फैलने लगी। घटना की जानकारी मिलने के बाद DIG अनीष गुप्ता, City SP अंशुमन कुमार, City DSP दीपक के अलावा हिंदपीढ़ी, जगन्नाथपुर, डेली मार्केट के थाना प्रभारी सदल-बल के साथ मौके पर पहुंची।

सिटी कंट्रोल रूम से भी अतिरिक्त बल मंगवाया गया। पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को समझा-बुझाकर शांत कराया। गाड़ीखाना और उसके आसपास इलाके में एहतियात के तौर पर फोर्स की तैनाती कर दी गई है। हालांकि पुलिस ने पथराव की बात को अफवाह बताया है।

पुलिस का कहना है कि पत्थर फेंकने की बात अभी तक सामने नहीं आयी है। कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी। इस कारण हंगामा मचा। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

बताया जा रहा है कि पुलिस जब तक तत्परता दिखाती तब तक नुकसान हो चुका था। उग्र भीड़ ने वहां खड़ी पीसीआर वैन और कई वाहनों में तोड़-फोड़ कर दी। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि किसी अधिकारी ने नहीं की है।

हर कोई था बेताब

हर कोई जनाजे को एक बार कांधा देने के लिए बेताब था। भीड़ को देखते हुए डोला में बांस लगा दिया गया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके जनाजे को कांधा दे सके। रतन टॉकिज से हिंदपीढ़ी, बड़ा तालाब, हरमू रोड होते हुए रात के करीब 11 बजे उनका जनाजा हरमू रोड ईदगाह पहुंचा। जनाजे की इतनी अधिक भीड़ थी कि पूरा ईदगाह भर उनका जनाजा आने से पहले ही भर गया था।

सड़क पर भी लोग सफ बनाकर खड़े गए। जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती तलहा नदवी ने उनके जनाजे की नमाज अदा करायी। इसके बाद उनका जनाजा रातू रोड कब्रिस्तान ले जाया गया। जहां उन्हें सुपुर्देखाक किया गया।

जनाजे की नमाज अपर बाजार जामा मस्जिद रांची के खतीब हजरत मौलाना मुफ्ती तल्हा नदवी ने पढ़ायी।

झारखंड, बिहार, ओडिशा और बंगाल से हजारों की संख्या में पहुंचे लोग

हालांकि मौत की खबर सुनने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, हाजी माशूक, आफताब आलम, साहेब अली, मौलाना ओबैदुल्लाह कासमी, हाजी मोख्तार अहमद, मुफ्ती कमर आलम समेत बड़ी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे।

जनाजे में शामिल हाेने के लिए और मिट्‌टी देने के लिए रांची के अलावा झारखंड के अलग-अलग जिलों, बिहार, ओडिशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ से लोग पहुंचे थे।

शाम 5 बजे तक हजारों हजार लोग रांची पहुंच चुके थे। बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने पर नौजवानों ने ट्रैफिक व्यवस्था संभाली।

बाहर से आए लोगों के लिए इफ्तार, खाना और सेहरी की व्यवस्था इकरा मस्जिद, राईन मस्जिद, हव्वारी मस्जिद, रंगसाज मस्जिद, पथलकुदवा समेत कई मस्जिदों में की गयी थी। बाहर से आनेवाली गाड़ियों की पार्किंग के लिए आसपास के स्कूलाें के गेट खुलवा कर वहां वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई थी।