जामताड़ा: जामताड़ा जिला इन दिनों गलत वजहों से चर्चा में है। यहां से भारी संख्या में साइबर अपराधी बढ़ रहे हैं।
आलम यह है कि जामताड़ा के एक युवक पर अमिताभ बच्चन के खाते से रुपये उड़ाने का आरोप है, जिसे जामताड़ा और हैदराबाद पुलिस ने संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया है।
यहां साइबर अपराधी राम कुमार मंडल उर्फ सीताराम मंडल व एक अन्य को करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सिंदरजोरी गांव से जामताड़ा व हैदराबाद की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
सीताराम मंडल साइबर अपराध की दुनिया का सबसे पुराना और शातिर अपराधी है। वर्ष 2016 में पहली बार उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उसके पास से साइबर अपराध के कई कांड को उसने अंजाम दिया।
इस पर देश के विभिन्न प्रदेशों में 15 से अधिक मामले दर्ज हैं। यह जानकारी बुधवार को एसपी दीपक कुमार सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस में दी।
इसके साथ ही पुलिस ने सीताराम मंडल के साथ शातिर मजिद अंसारी भी गिरफ्तार हुआ है, इसकी गिरफ़्तारी से पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।
एसपी ने बताया कि इसके खिलाफ हैदराबाद साइबर थाना में मामला दर्ज है। शुरुआती दौर में जामताड़ा में साइबर अपराध का यह प्रशिक्षण दिया करता था। सीताराम मंडल पर अमिताभ बच्चन के खाते से रुपये उड़ाने का भी आरोप है। दोनों अपराधियों ने अमिताभ बच्चन के बैंक अकाउंट से 5 लाख रुपये की निकासि की थी।
सीताराम मंडल की गिरफ्तारी को लेकर फरवरी महीने से छापेमारी हो रही थी। लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकलता था। साथ ही एक मामले में जामताड़ा साईबर अपराध थाना कांड संख्या 13/21,जमानत पर है।
सीताराम मंडल साइबर अपराध की दुनिया का सबसे पुराना शातिर
बता दें कि सीताराम मंडल साइबर अपराध की दुनिया का सबसे पुराना और शातिर अपराधी है। वर्ष 2016 में पहली बार उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उसके पास से साइबर अपराध के कई कांड को उसने अंजाम दिया।
उसके विरुद्ध तेलंगाना और जामताड़ा में कुल 15 मामले दर्ज है। जिसमें 7 मामले तेलंगाना में दर्ज है, वही सात मामला जामताड़ा साइबर थाना तथा एक करमाटांड़ थाना में दर्ज है।
इसके खिलाफ हैदराबाद के विभिन्न थानों में सात कांड दर्ज है। वह अब तक साइबर अपराध के विभिन्न मामलों में पांच बार जेल जा चुका है।
इस तरह से ठगी करते हैं साइबर अपराधी
देश के कई राज्यों की पुलिस की नींद उड़ाने वाले जामताड़ा के साइबर अपराधी समय के अनुरूप ठगी करने की तकनीक को भी बदलते रहते हैं।
पुलिस की मानें तो अब साइबर अपराधी विभिन्न कंपनियों के मोबाइल धारकों से लिंक व कॉल के जरिए संपर्क साध कर यह कहता है कि आपके मोबाइल सिम को ई-सिम में बदलना है।
35 से 4Gके तौर पर उन्नत करना है। या फिर कई सुविधा पूर्ण योजना बताकर पोर्ट कराने की जानकारी देते हैं। ये खुद का परिचय संबंधित मोबाइल कंपनी के अधिकारी के रूप में देते हैं।
मोबाइल धारक को विश्वास में लेते ही पीड़ित का ई-मेल आईडी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं या फिर अपनी ई-मेल आइडी भेजकर धारक को उससे जुड़ने को कहा जाता है।
ऐसा करने पर संबंधित मोबाइल धारक मोबाइल में दर्ज बैंकखाता नम्बर, अंक तक हुए लेन-देन समेत सारी जानकारी अपराधी हैक के जरिए अपने नियंत्रण में कर लेता है। फिर उनके खातों से ऑनलाइन राशि उड़ता है।