नई दिल्ली: असम के Dibrugarh Central Jail में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल (Amritpal) कोई जानकारी नहीं दे रहा है। उससे पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। हालांकि अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
पंजाब पुलिस के सूत्रों ने बताया कि प्रो-खालिस्तान प्रचारक अमृतपाल सिंह ने अपनी Funding के स्रोतों का खुलासा करने से इनकार कर दिया। अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद से असम के डिब्रूगढ़ की एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में बंद है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान, खालिस्तानी हमदर्द और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख ने संकेत दिया कि उसे छोड़ दिया जाएगा तो वह अपराध की सीमा को पार नहीं करेगा।
पुलिस सूत्रों ने कहा…
अमृतपाल सिंह ने कथित तौर पर पुलिस को यह भी बताया कि वह पंजाब में नशे की समस्या से लड़ने में मदद कर सकता है। पुलिस सूत्रों (Police Sources) ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह फिर से अपना जनाधार बनाने की कोशिश तो नहीं करेगा।
इस संबंध में एक अधिकारी ने News18 क बताया कि अगर वह शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू करता है और फिर से समर्थन जुटाता है, तो यह खतरनाक हो सकता है।
हमें ऐसा होने से रोकने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अमृतपाल को छोड़ दिए जाने पर वह फिर से उन्हीं काम को करना शुरू कर देगा, जो वह कर रहा था। उसने पूछताछ के दौरान संकेत दिया है कि वह अपराध की रेखा पार नहीं करेगा।
अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रोडे के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया
वह अपनी इस लड़ाई को लंबे समय तक लड़ना चाहता है, जो खतरनाक है। उसने पूछताछ के दौरान कहा कि वह ड्रग्स और ईसाई मिशनरियों (Drugs and Christian Missionaries) द्वारा धर्मांतरण के खिलाफ लड़ेंगा और यह सुनिश्चित करेंगा कि कोई अपराध न हो।
गौरतलब है कि अपने कट्टरपंथ के जरिये उसने पंजाब में धीरे-धीरे 1980 के दशक को फिर से पैदा कर दिया जब पंजाब में उग्रवाद (Extremism) का डर वापस आ गया था। पंजाब पुलिस ने 29 वर्षीय अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रोडे के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया था।