पटना: बिहार में जेल कानून में बदलाव करके बीते दिन पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा (Anand Mohan’s Release Case) किया गया था। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिहार सरकार को नोटिस दिया है।
अदालत ने नीतीश सरकार से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने जेल से छूटे पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) को भी नोटिस दिया है।
उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
इस मामले में दिवंगत IAS जी कृष्णैया की पत्नी उमा देइ ने नीतीश कुमार को कड़ी नसीहत दी है। यह भी कहा है कि उनकी बात नहीं मानी तो उन्हें नुकसान होगा।
आनंद मोहन की रिहाई के लिए नोटिफिकेशन जारी करने पर उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी। उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया था।
…ऐसा नहीं किया तो नीतीश कुमार को होगा नुकसान
दिवंगत जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी (Uma Devi) ने एक चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि आगर आनंद मोहन की रिहाई का नोटिफिकेशन बिहार सरकार वापस ले लेती है तो नीतीश कुमार के लिए अच्छा रहेगा।
ऐसा नहीं किया तो इलेक्शन में उन्हें नुकसान होगा बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताना चाहिए आनंद मोहन को कानून में बदलाव लाकर प्रीमेच्योर रिहाई दिलाने की क्या जरूरत थी।
आनंद मोहन का चुनाव लड़ना ठीक नहीं
उनसे पूछा गया कि क्या यह नीतीश कुमार की सरकार के लिए एक झटका है। इस पर उन्होंने कहा कि यह मामला आनंद मोहन से जुड़ा है और सरकार के लिए इसे झटका के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
उमा देवी ने सरकार से मांग की है कि आनंद मोहन को चुनाव में टिकट देना और उनका Election लड़ना ठीक नहीं है। ऐसे लोगों को बिहार की सरकार में नहीं लाया जाना चाहिए। इससे नुकसान होगा।
निर्णय पर विचार करे नीतीश सरकार
उन्होंने कहा कि एक आदमी से सरकार को कोई असर नहीं पड़ता। आनंद मोहन के अकेले Support करने से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार तो नहीं बनेगी। इसके लिए सारे लोगों का समर्थन चाहिए।
इसलिए उन्हें अपने निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा आनंद मोहन (Anand Mohan) के समय से पहले रिहाई ठीक नहीं है और चुनाव में टिकट नहीं देना चाहिए।