राज्यसभा में बोले आनंद शर्मा- सरकार के हर फैसले को स्वीकार करना आवश्यक नहीं

Central Desk

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का एक भी मौका कांग्रेस पार्टी छोड़ नहीं रही है।

शुक्रवार को भी राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सरकार पर हमला बोलते हुए तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग की।

उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि सरकार के हर फैसले को स्वीकार किया जाए। अगर विपक्ष के लिए ऐसा कोई बंधन होता तो लोकतंत्र कब का खत्म हो चुका होता।

कृषि कानून को लेकर कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक सरकार पर दबाव बनाने में लगी है।

कानून को वापस लिए जाने की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में शुक्रवार को कहा कि लोकतंत्र में सरकार जनता पर अपना निर्णय थोप नहीं सकती।

प्रजातंत्र में एक मत हो, एक विचार हो ये ना संभव है ना स्वीकार्य है।

भारत की परंपरा चर्चा और चिंतन की रही है, वाद-विवाद की संवाद की रही है। इस लिहाज से यह जरूरी नहीं है कि सरकार के हर निर्णय और नीति को जनता स्वीकार करे। विपक्ष के लिए भी अनिवार्य नहीं है कि सरकार की हर नीति का वो अनुमोदन करे।

कांग्रेस सांसद ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि 26 जनवरी को लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने की घटना की जांच कराई जाए।

उन्होंने कहा कि आवश्यक है कि राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान नहीं करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र व राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना भी की।

उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से आज भारत कोविड-19 जैसी विकराल समस्या से उब्रनेनमे कामयाब हो पाया है।

इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में जान गंवाने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों और किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 194 किसानों को श्रद्धाजंलि भी दी।