… और देखिए कैसे सदन में लड़ने-भिड़ने वाले पक्ष-विपक्ष के विधायक अपनी वेतन वृद्धि के मामले में हो गए एकजुट

झारखंड विधानसभा में हजारीबाग में ऐतिहासिक रामनवमी जुलूस (Ram Navami Procession) को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा बरती जा रही सख्ती पर नाराजगी स्थानीय BJP विधायक मनीष जायसवाल ने नाराजगी जताई

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रांची: सियासत भी गजब होती है। पक्ष- विपक्ष के नेता अलग-अलग मुद्दों पर एक दूसरे से लड़ते-भिड़ते रहते हैं। सदन में दोनों तरफ से हंगामों के नजारे तो आम हैं, पर जब अपने फायदे की बात हो तो सब एकजुट हो जाते हैं।

सोमवार को झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। BJP विधायक भानू प्रताप शाही (MLA Bhanu Pratap Shahi) ने सदन में कहा कि दिल्ली (Delhi) की तरह झारखंड में भी विधायकों के वेतन (Salary) बढाए जाए।

उन्होंने कहा कि पिछली बढोतरी 2017 में हुई थी। बीते वर्षों में महंगाई बढ़ी है और समय की मांग है कि विधायकों का वेतन बढे। विरोध में कोई स्वर्ण नहीं सामने आया। इस मुद्दे पर सभी दलों के विधायक साथ नजर आए।

… और देखिए कैसे सदन में लड़ने-भिड़ने वाले पक्ष-विपक्ष के विधायक अपनी वेतन वृद्धि के मामले में हो गए एकजुट … and see how the MLAs of the opposition and the fighting in the House united in the matter of their salary hike

बढ़ने पर दिल्ली की तर्ज पर 4 गुना हो जाएगा वेतन

हालांकि सरकार की ओर से सोमवार को इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं आया, मगर दिल्ली की तर्ज पर यदि वेतन बढ़ोतरी होती है तो झारखंड में विधायक का वेतन करीब चार लाख हो जाएगा।

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गौरतलब है कि वर्तमान में झारखंड में विधायकों का वेतन 40 हजार प्रतिमाह से शुरू होता है। इसके अलावा अन्य भत्ते दिए जाते हैं।

2017 में इस प्रकार बढ़ा था वेतन

2017 से पहले 2015 में विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी हुई थी। मुख्यमंत्री का मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी (Basic Salary) 70000 से बढ़ाकर 80000 रुपया और विधायकों का मूल वेतन 30000 से बढ़ाकर 40,000 किया गया था।

विपक्ष के नेता का मूल वेतन 50000 प्रतिमाह से बढ़ाकर 65000 कर दिया गया था और विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन 55000 से बढ़ाकर 78000 रुपया किया गया था।

मुख्य सचेतक का वेतन 2017 में बढ़ोतरी के बाद 55000 हो गया। इसी तरह उप मुख्य सचेतक को 50,000 और सचेतक को 45000 रुपया हो गया।

BJP विधायक ने उठाया हजारीबाग में रामनवमी का मुद्दा

झारखंड विधानसभा में हजारीबाग में ऐतिहासिक रामनवमी जुलूस (Ram Navami Procession) को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा बरती जा रही सख्ती पर नाराजगी स्थानीय BJP विधायक मनीष जायसवाल ने नाराजगी जताई।

कहा कि 2017-18 में तत्कालीन सरकार द्वारा वहां ऐतिहासिक रामनवमी जुलूस के दौरान पुष्प वर्षा कर राम भक्तों का स्वागत किया गया था।

यदि वह सरकार रहती तो हजारीबाग (Hazaribagh) रामनवमी जुलूस को राज्यस्तरीय मेला (State Level Fair) के रूप में घोषित किया जाता, लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन द्वारा 5000 राम भक्तों को नोटिस भेजने के अलावे डीजे एवं टेंट हाउस (DJ & Tent House) वालों को डराया धमकाया जा रहा है।

जिला प्रशासन इस तरह की कार्रवाई न करे, नहीं तो रामभक्तों में आक्रोश बढ़ेगा।

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