Pakistan International Airlines: यह विमान एक डोमेस्टिक फ्लाइट (Domestic Flight) थी। जिससे कैप्टन सज्जाद गुल और फर्स्ट ऑफिसर उस्मान आजम उड़ाने वाले थे।
यह प्लेन करीब 16 साल पुराना था। 2004 में इस विमान ने अपनी पहली उड़ान भरी थी। जिसके बाद आगे के 10 सालो तक इसे चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस (China Eastern Airlines) ने इस्तेमाल किया था। जिसके बाद दोबारा इसे पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (Pakistan International Airlines) को सौंपा गया था।
इस प्लेन का मेंटेनेंस 21 मार्च 2020 को किया गया था। प्लेन बिल्कुल सही था। उसमें कोई तकनीकी खराबी नहीं थी। 22 मार्च 2020 से लेकर 7 मई 2020 तक कोविड महामारी (Covid Pandemic) के चलते सभी फ्लाइट्स को लगभग Grounded ही रखा गया था।
7 मई से लेकर 22 मई तक इस प्लेन ने सिर्फ 6 बार ही उड़ान भरी थी। सिविल एविएशन अथॉरिटी (Civil Aviation Authority) ने इस विमान को 5 नवंबर 2020 तक उड़ान भरने के लिए फिट घोषित किया था।
इस प्लेन ने अब तक 47 हजार से भी ज्यादा फ्लाइट आवर्स पूरे किए थे। तो ऐसा क्या क्या हुआ की 22 मई की उड़ान इस विमान का आखिरी उड़ान बन गया।
विमान में सवार लोगों के जिंदगी का आखिरी दिन
22 मई 2020 को PIA 8303 फ्लाइट ने अपने निर्धारित समय दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर लाहौर के अलामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Allama Iqbal International Airport) से उड़ान भरी।
करीब डेढ़ घंटे का सफर तय करके यह फ्लाइट दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट, (Jinnah International Airport) कराची में लैंडिंग की तैयारी करने लगा।
जरुरत से 3,000 फीट ज्यादा की उचाई पर विमान
यह प्लेन 10,000 फीट की ऊंचाई पर था। जबकि, इसे 7 हजार फीट की ऊंचाई पर होना चाहिए था। जिसके कारण ATC ने तुरंत कैप्टन से संपर्क किया।
कहा कि आपका प्लेन ग्लाइड स्लोप से 3000 हजार फीट ज्यादा ऊपर से Fly कर रहा है। इसलिए पायलट रूल्स को फॉलो करें। लेकिन पायलट ने उन्हें कहा कि प्लेन उनके कंट्रोल में है। वे सेफ लैंडिंग (Safe Landing) करवा देंगे। इसकी आप चिंता न करें।
गो अराउंड करने का मिला सुझाव
प्लेन धीरे-धीरे रनवे के पास पहुंचा लेकिन बावजूद इसके विमान अभी भी काफी ऊंचाई पर था। इसलिए ATC ने दूसरी बार फिर कैप्टन से संपर्क किया।
कहा कि आपकी Flight की ऊंचाई इस समय 3 हजार फीट ऊपर होनी चाहिए। जबकि, आपका विमान 7 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इसलिए आप Go Around करें। जिसके बाद लैंडिंग करे।
पायलट की आखिरी गलती
लेकिन इस बार भी कैप्टन का वही जवाब था कि प्लेन हमारे कंट्रोल में है। हम उसकी सेफ लैंडिंग (Safe Landing) करवा देंगे। और यही उनकी आखिरी गलती बनी।
तभी प्लेन का लैंडिंग गियर (Landing Gear) बंद हो गया और पायलट को इस बारे में पता भी नहीं लगा। उसने Auto Pilot Mode को डिसअंगेज (Disengage) करके कमान अपने हाथ में ले ली।
हर जगह से मिले अलर्ट सिग्नल
जैसे ही ATC की नजर लैंडिंग गियर पर पड़ी तो उन्होंने तीसरी बार कैप्टन से संपर्क किया। पूछा कि क्या आप बैली लैंडिंग करने जा रहे हैं? पायलट की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं आया।
तभी कॉकपिट (Cockpit) पर ढेर सारे अलार्म बजने लगे। जैसे, लैंडिंग गियर अलार्म और स्पीड अलार्म (Landing Gear Alarm and Speed Alarm) आदि। जिसके कारण पायलट अब डिस्टर्ब हो गया। उसे समझ नहीं आया कि ये सब अचानक क्या हो रहा है।
प्लेन के इंजन में लगी आग
तभी Plane जमीन पर टच होकर रगड़ खाने लगा। जिसके कारण प्लेन के दोनों इंजन से चिंगारी उठने लगी और वे पूरी तरह डैमेज हो गए। इस कारण पायलट ने गो अराउंड (Go Around) करने का फैसला लिया।
और बिना लैंडिंग (Landing) के प्लेन को फिर से उड़ा दिया। तब तक प्लेन के इंजन में आग भी लगने लगी। ATC ने तुरंत एयरपोर्ट के दोनों रनवे को तुरंत खाली करवा दिया, ताकि पायलट गो अराउंड के बाद किसी भी रनवे पर लैंडिंग कर सके।
‘मेडे मेडे मेडे पाकिस्तान 8030’ क्या है?
पायलट को भी इस बारे में बता दिया। पायलट कोशिश करने लगा कि प्लेन की स्पीड बढ़े लेकिन उसकी स्पीड बढ़ने की बजाय कम होती गई और वह एक घायल पंछी की तरह नीचे गिरने लगा।
ATC ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो पायलट ने तीन शब्द कहे ‘मेडे मेडे मेडे पाकिस्तान 8030’ (‘Mayday Mayday Pakistan 8030’) और यह प्लेन फिर रियायशी इलाके में घरों के बीच जा गिरा। जिसके बाद प्लेन में जोरदार धमाका हुआ और उसके चिथड़े उड़ गए।
Mayday एयर ट्रैफिक और मरीन ट्रैफिक (Air Traffic And Marine Traffic) द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल केवल तभी किया जाता है जब किसी तरह की भयंकर समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे इंसानी जीवन पर संकट आता है।
केवल 2 यात्री बच निकले
प्लेन सवार 97 लोगों की इसमें मौत (Death) हो गई। जबकि, सिर्फ दो यात्री इस हादसे में किसी तरह बच निकले। जिन्हें लोगों ने जिन्ना अस्पताल में तुरंत भर्ती करवा दिया। वहीं, इस हादसे की सूचना मिलते ही फौरन पुलि…