नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
इस फैसले में हाई कोर्ट (High Court) ने कहा है कि कारोबारी सिर्फ GST पोर्टल से सप्लायर के रजिस्ट्रेशन नंबर को Verify करने के लिए जिम्मेदार है।
किसी भी कारोबारी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है कि उसने जिससे सामान खरीदा है, उसने सही Registration लिया है या नहीं।
73 रजिस्ट्रेशन निलंबित किए
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि रजिस्ट्रेशन करना विभाग की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी को कारोबारी के ऊपर नहीं डाला जा सकता है।
उल्लेखनीय है मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में GST कारोबारियों ने फर्जी एड्रेस और फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर टैक्स चोरी की है।
GST विभाग द्वारा जो सर्वे किया गया है, उसमें यह गड़बड़ी उजागर हुई है। विभाग ने 125 से अधिक रजिस्ट्रेशन निरस्त किए हैं। 73 रजिस्ट्रेशन निलंबित किए हैं।
कारोबारियों को मिल गई राहत
GST विभाग ने करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी (Tax Theft) को पकड़ा है। और GST के नंबर पुरानी तारीखों से निरस्त कर दिए हैं।
वहीं जिन कारोबारियों ने उनसे माल खरीदा था। उनके ऊपर टैक्स की लायबिलिटी (Liability) निकली गई है। यह मामला पिछले कई महीनों से विवादों में था।
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) के इस निर्णय के बाद अब कारोबारियों को राहत मिल गई है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है, कि रजिस्ट्रेशन सही है, या गलत।
इसको जांचने का अधिकार कारोबारी के पास नहीं होता है। पुरानी तारीख से रजिस्ट्रेशन कैंसिल (Registration Canceled) कर कारोबारी को कैसे TAX के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।