Train Accidents in October 2023: इतने लंबे समय के बाद देश में अब जाकर हो सका है एक भीषण ट्रेन हादसे (Train Accidents) के कारण का खुलासा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अक्टूबर महीने में Andhra Pradesh के विजियानगरम जिले में हुए रेल हादसे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि जब यह हादसा हुआ उस समय ट्रेन के ड्राइवर फोन पर क्रिकेट देख रहे थे।
रेल मंत्री (Railway Minister) अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रेन के दोनों ही ड्राइवर अपने-अपने फोन पर क्रिकेट मैच देखने में व्यस्त थे। इसी वजह से यह हादसा हो गया था। बता दें कि 29 अक्टूबर को हुए इस रेल हादसे में 14 लोगों की जान चली गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
दरअसल विजयनगरम जिले के कंटाकापल्ली इलाके में हावड़ा-चेन्नई लाइन पर एक पैसेंजर ट्रेन ने पीछे से दूसरी ट्रेन को टक्कर मार दी थी। नई दिल्ली में शनिवार को रेलवे में सुरक्षा के मामले में बात रखते हुए उन्होंने यह खुलासा किया है।
वैष्णव ने कहा यह हादसा इसलिए हुआ क्योंकि लोको पायलट और Assistant Pilot दोनों का ध्यान फोन पर क्रिकेट मैच देखने की वजह से भटक गया था। लेकिन रेलवे ऐसे उपाय कर रहा है कि इस तरह के हादसे ना हों।
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों में ऐसे सिस्टम लगाए जा रहे हैं जो कि किसी के ध्यान भटकाने वाले कारणों का पता लगाएंगे और यह पता लगा लिया जाएगा कि दोनों पायलट ट्रेन को चलाने पर पूरा ध्यान दे रहे हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि पिछली घटनाओं को लेकर हम विस्तार से विश्लेषण करते हैं और वजह पता लगने के बाद ऐसे उपाय करते हैं दोबारा हादसा ना हो। गौरतलब है कि विशाखापट्टनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन दो गलत ऑटो सिग्नल क्रॉस करते हुए आगे निकल गई थी। इसके बात यह पीछे से विशाखापट्टनम-पालसा पैसेंजर ट्रेन में टकरा गई। इस हादसे में रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन के दोनों ड्राइवरों की मौत हो गई थी।
इसके अलावा सामने वाली ट्रेन के गार्ड की भी मौत हो गई थी। हादसे के बाद प्रशासन ने जांच में मानवीय गलती की ही संभावना जताई थी।
हालांकि इसकी मुख्य वजह के बारे में पहले कभी नहीं बताया गया था। बाद में पता चला कि ड्राइवरों ने सिग्नल ही नहीं देखा और ट्रेन स्पीड से आगे बढ़ती चली गई थी। ट्रेन में सफर कर रहे लोगों ने बताया था कि ट्रेन जैसे ही टकराने वाली थी ड्राइवर ने अचानक ब्रेक लगा दी। रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन उस वक्त 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी।
बता दें कि बीते दो साल में यह तीसरा सबसे बड़ा रेल हादसा था। इसके अलावा Odisha के बालासोर रेल हादसे में कम से कम 296 लोगों की जान चली गई थी। इन हादसों ने देश को एक तरह से हिला कर रख दिया था।