Antibiotics stopped working after COVID, more than 30 lakh children died : एक नए अध्ययन के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में 30 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) से जुड़े संक्रमणों के कारण हुई। दक्षिण पूर्व एशिया में 7.52 लाख और अफ्रीका में 6.59 लाख बच्चों की जान गई।
इन बच्चों को सामान्य संक्रमण हुए, लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं ने काम नहीं किया, जिससे इतनी बड़ी संख्या में मौतें हुईं।
AMR क्या है और बच्चों के लिए क्यों खतरनाक?
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस या अन्य सूक्ष्म जीव दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधी हो जाते हैं। यानी, दवाएं उन्हें मार नहीं पातीं। यह बच्चों के लिए खासतौर पर खतरनाक है, क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
WHO के मुताबिक, अगर AMR को नहीं रोका गया, तो 2050 तक हर साल 1 करोड़ लोग मर सकते हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे होंगे।
छोटे बच्चों को सर्दी, डायरिया, या कान के इन्फेक्शन जैसी आम बीमारियां होती हैं। अगर सामान्य एंटीबायोटिक काम न करें, तो इलाज मुश्किल हो जाता है।
मजबूत दवाएं देनी पड़ती हैं, जो बच्चों के शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। नवजात शिशुओं में AMR के कारण सेप्सिस जैसी जानलेवा स्थिति हो सकती है, जिससे अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। इससे परिवार पर आर्थिक और भावनात्मक बोझ बढ़ता है।
AMR के कारण
बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेना।
दवा का कोर्स पूरा न करना।
पशुओं में ज्यादा एंटीबायोटिक का उपयोग।
गंदा पानी और खराब स्वच्छता।
गलत निदान और जरूरत से ज्यादा दवाएं देना।
COVID ने बनाया और खतरनाक!
कोविड महामारी के बाद AMR के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले तीन साल में बच्चों में AMR से जुड़े संक्रमण 10 गुना बढ़ गए। बच्चों के लिए नए एंटीबायोटिक कम उपलब्ध हैं, क्योंकि इनके विकास में देरी होती है। अध्ययन के मुताबिक, 2022 में 30 लाख बच्चों की मौत में से 20 लाख मौतें वॉच (उच्च प्रतिरोध जोखिम वाली) और रिज़र्व (आखिरी उपाय वाली) एंटीबायोटिक के उपयोग से जुड़ी थीं। 2019-2021 के बीच दक्षिण पूर्व एशिया में वॉच एंटीबायोटिक का उपयोग 160% और अफ्रीका में 126% बढ़ा। रिज़र्व एंटीबायोटिक का उपयोग दक्षिण पूर्व एशिया में 45% और अफ्रीका में 125% बढ़ा।
क्यों बढ़ रहा है AMR?
निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भीड़भाड़ वाले अस्पताल, खराब स्वच्छता, और कमजोर संक्रमण नियंत्रण के कारण AMR तेजी से फैल रहा है। सामान्य एंटीबायोटिक (एक्सेस) की तुलना में वॉच और रिज़र्व एंटीबायोटिक का ज्यादा उपयोग हो रहा है, जो भविष्य में इलाज को और मुश्किल बना सकता है।
अब क्या करें?
डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक न लें।
दवा का पूरा कोर्स करें।
स्वच्छता का ध्यान रखें, जैसे साफ पानी और अच्छी सैनिटेशन।
अस्पतालों में बेहतर संक्रमण नियंत्रण और निगरानी की जरूरत।
बच्चों के लिए नए एंटीबायोटिक विकसित करने पर काम करना होगा।