नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर कोरोना के नकली वैक्सीन को बेचे जाने से रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत नकली वैक्सीन के बाजार में आने से रोकने के लिए कड़े दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार इसके लिए एक जागरूकता अभियान चलाए ताकि लोग नकली वैक्सीन से अपना बचाव कर सकें।
अगर कोई व्यक्ति या संगठन नकली वैक्सीन का प्रचलन करते पाया जाए तो उसके लिए कड़े दंड का प्रावधान किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य और जीवन का अधिकार संविधान की धारा 21 के तहत आता है।
याचिका में कहा गया है कि कोरोना ने पूरी दुनिया को अपने कब्जे में ले लिया है।
सभी देश इसका इलाज तलाश रहे हैं। कई महीनों की रिसर्च के बाद कुछ देशों ने कोरोना की वैक्सीन खोजने में सफलता पाई है।
ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए फाइजर कंपनी की बनाई वैक्सीन के उपयोग की इजाजत दी है।
याचिका में कहा गया है कि इंटरपोल ने देशों को इस बात के लिए आगाह किया है कि कुछ अपराधी तत्व नकली वैक्सीन को बेचने और उसका प्रचलन करने की कोशिश करेंगे।
याचिका में कहा गया है कि लोगों में कोरोना का भय इस कदर हावी है कि लोग ऐसे ठगों के झांसे में जल्दी आ जाएंगे।
भारत जैसे विशाल देश में ऐसे अपराध को अंजाम देना आसान काम है।
आनलाइन वैक्सीन देने के नाम पर ठगी की जा सकती है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए बाध्य हैं।