Don’t sleep with child: अक्सर माता-पिता छोटे बच्चों (Children) को अपने साथ ही सुलाते हैं। बच्चों के जन्म से लेकर एक उम्र तक हर माता-पिता बच्चों को साथ सुलाना पसंद करते हैं।
लेकिन कई बार यह एक आदत बन जाती है और बच्चों के बड़े होने के बाद भी माता-पिता उन्हें साथ ही सुलाते हैं। लेकिन छोटे बच्चों को एक उम्र के बाद साथ सुलाना बंद कर देना चाहिए।
अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए आज आपको बताते हैं की कब तक छोटे बच्चों को साथ सुलाना चाहिए और क्यों एक उम्र के बाद उन्हें अलग सोने की आदत दिलानी चाहिए।
इस उम्र के बाद बच्चों में डालें अलग सोने की आदत
यूं हर परिवार की स्थिति अलग होती है और हर बच्चा भी अलग होता है। लेकिन, अगर हम एक सामान्य राय की बात करें, तो ज्यादातर विशेषज्ञ (Expert) सलाह देते हैं कि सात से आठ साल की उम्र के बीच में बच्चों को धीरे-धीरे अपने बिस्तर से अलग सुलाना शुरू कर देना चाहिए।
बच्चों को अलग सुलाने के फायदे
बच्चों में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता की भावना
इस उम्र में बच्चे थोड़े बड़े हो जाते हैं और उनमें आत्मनिर्भरता (Self-reliance) की भावना विकसित होने लगती है।
उन्हें अपने कमरे में सुलाने से उन्हें खुद पर भरोसा बढ़ता है और वे अपने डर से लड़ना सीखते हैं।
बच्चों को मिलेगी बेहतर नींद
जब बच्चे अकेले सोते हैं, तो उनकी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास (physical and mental development) भी बेहतर होता है।