नई दिल्ली: Gujrat (गुजरात) के मोरबी (Morbi) में भारतीय सेना (Indian Army) की टीमों ने दुर्घटना में बचे लोगों की खोज और बचाव के लिए अभियान तेज कर दिया है।
तीनों सेनाओं ने रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) के लिए अपनी-अपनी टीमें तैनात की हैं। गोताखोरों, उपकरणों, नावों और अन्य सामग्रियों से युक्त भारतीय तटरक्षक की तीन टीमों को कल रात से ही मोरबी में तैनात किया गया है। मोरबी में खोज और बचाव अभियान में मदद के लिए ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बचाव कार्यों में सेना के लगभग 300 जवान तैनात
गुजरात के मोरबी (Morbi) में केबल ब्रिज (Cable Bridge) हादसे में घटना स्थल पर बचाव कार्यों में सेना के लगभग 300 जवान तैनात हैं।
इंजीनियर स्टोर से लैस सेना की टुकड़ियां बचाव अभियान में NDRF , SDRF , IN , तटरक्षक बल की सहायता कर रही हैं। सेना की टीमें भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में नागरिक प्रशासन और पुलिस की सहायता कर रही हैं।
भारतीय तटरक्षक बल, स्थानीय प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ मौके पर तलाशी और बचाव अभियान (rescue operation) चलाया जा रहा है। घटनास्थल पर फिर से शुरू हुए बचाव अभियान में भारतीय नौसेना और NDRF की टीमें तैनात की गई हैं।
पहले भीड़ नियंत्रण और दुर्घटनास्थल से सिविल अस्पताल तक मार्ग की निकासी शुरू की सैन्य प्रवक्ता के अनुसार ध्रांगधारा, जामनगर, भुज से सेना की नौ टुकड़ियां आईं हैं, जिनमें इंजीनियर टास्क फोर्स और मेडिकल डिटेचमेंट शामिल हैं।
सेना की टुकड़ियों ने सबसे पहले भीड़ नियंत्रण और दुर्घटनास्थल से सिविल अस्पताल तक मार्ग की निकासी शुरू की।
आयुष अस्पताल में जीवित बचे लोगों के इलाज में चार चिकित्सा कोर लगे हैं
सेना के जवान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य अग्निशमन सेवा की नौकाओं के साथ खोज अभियान में सहायता कर रहे हैं। सरकारी सिविल अस्पताल, कृष्णा अस्पताल और आयुष अस्पताल में जीवित बचे लोगों के इलाज में चार चिकित्सा कोर लगे हैं।
भारतीय सेना (Indian Army) एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) के लिए नागरिक प्रशासन और अन्य सभी एजेंसियों की सहायता करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों की जान को बचाया जा सके।
बचे हुए लोगों का इलाज किया जा सके और तलाशी अभियान (Search Operation) के हिस्से के रूप में शेष शवों की खोजबीन की जा सके।