नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अगले हफ्ते चार दिनों के लिए सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे पर जायेंगे।
इस यात्रा के दौरान वे दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और सऊदी नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी को भी संबोधित करेंगे। यह किसी भारतीय सेना प्रमुख की पहली सऊदी अरब यात्रा होगी।
इस यात्रा का मकसद खाड़ी क्षेत्र के दोनों प्रभावशाली देशों के साथ रक्षा व सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाना है।
सेना प्रमुख की इस दो देशों की यात्रा को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब और यूएई के साथ भारत के संबंधों में घनिष्ठता आई है।
सऊदी अरब भारत के साथ रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन का इच्छुक है। सऊदी अरब भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार होने के साथ-साथ ऊर्जा का बड़ा स्रोत भी है।
भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरतों का करीब 18 फीसद सऊदी अरब से ही आयात करता है। इसके अलावा वह भारत के लिए एलपीजी का भी बड़ा स्रोत है।
सेना प्रमुख की इस यात्रा का मकसद खाड़ी क्षेत्र के दोनों प्रभावशाली देशों के साथ रक्षा व सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाना है।
जनरल नरवणे रविवार को इस 4 दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हो सकते हैं। सेना प्रमुख की यात्रा का पहला पड़ाव सऊदी अरब होगा और फिर वे यूएई जाएंगे।
दोनों देशों में उनके दो-दो दिन रुकने की संभावना है। फिलहाल उनके यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
यात्रा के दौरान सेना प्रमुख दोनों देशों के शीर्ष सैन्य नेतृत्व से वार्ता करेंगे।
पिछले महीने जनरल नरवणे तीन दिवसीय नेपाल यात्रा पर गए थे जिसका खासा कूटनीतिक महत्व था।
उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा से बालूवाटार में उनके निवास पर मुलाकात की थी।
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने आर्मी चीफ नरवणे को नेपाल सेना के जनरल रैंक की मानद उपाधि से सम्मानित किया था।
इससे पहले वे अक्टूबर में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ म्यांमार की बेहद अहम यात्रा पर गए थे।