कोलकाता: बिहार चुनाव में अल्पसंख्यक वोटों को झटककर सफलता हासिल करने के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की नजरें अब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर हैं।
अपनी पार्टी की बंगाल इकाई बनाने के लिए ओवैसी रविवार की सुबह बंगाल पहुंच गए हैं।
सुबह वह हैदराबाद से विमान से कोलकाता पहुंचे हैं। कोलकाता पहुंचने के साथ ही वह सीधे हुगली में फुरफुरा शरीफ में पीर की दरगाह पर पहुंचे। वहां दुआएं मांगीं और वहां अब्बास सिद्दीकी के साथ मुलाकात कर बैठक की।
सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की स्थिति को समझने की कोशिश की।
ताकि राज्य की पार्टी इकाई का सही तरीके से गठन किया जा सके और बंगाल विस चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की जा सके।
मजहबी नेता अब्बास सिद्दीकी भी बंगाल में चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। उनका मुस्लिम समाज में काफी प्रभाव माना जाता है। इस चुनाव को लेकर ओवैसी ने अब अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
हाल ही में ओवैसी ने पश्चिम बंगाल से आए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की थी और चुनाव पर तैयारियों पर चर्चा की थी। बता दें कि बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हैं।
बिहार चुनाव के नतीजों के बाद ही ओवैसी ने ही ऐलान कर दिया था कि उनका अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 30 फीसदी है।
पश्चिम बंगाल के जो चार जिले बिहार और झारखंड की सीमा से लगते हैं, उनमें मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी 66.27 फीसदी है।
इसके अलावा मालदा, उत्तरी दिनाजपुर और बीरभूम की आबादी में मुसलमान क्रमशः 51.27 फीसदी, 49.92 फीसदी और 37.06 फीसदी हैं।
राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें इन चार जिलों में हैं, और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की कोशिश यहां सभी सीटें जीतने की है।
इनके अलावा कोलकाता के पड़ोसी जिलों उत्तर और दक्षिण 24 परगना में भी मुस्लिम आबादी काफी है।
मुर्शिदाबाद देश का सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाला जिला है, यहां 47 लाख मुसलमान रहते हैं।
जिले में 22 विधानसभा सीटें हैं, जो पश्चिम बंगाल के अन्य किसी भी जिले से ज्यादा है।
एआइएमआइएम से मिलने वाली चुनौती को भांपते हुए ममता बनर्जी 2019 से ही उसे ‘बाहरी’ और ‘भाजपा की बी-टीम’ कहती रही हैं।