गाुवाहाटी: Assam के मुख्यमंत्री (Chief Minister) हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता (Congress Leader) के नैतिक मूल्यों पर सवाल उठाते हुए वायनाड के पूर्व सांसद को लोकसभा (Lok Sabha) से अयोग्य ठहराते के मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर ताजा कटाक्ष किया।
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के इतर मीडिया (Other Media) से बात करते हुए, सरमा ने कहा, 2013 में जब राहुल गांधी ने एक आपराधिक मामले (Criminal Cases) में दो या अधिक वर्षों के लिए सजा के बाद भी सांसदों को पद पर बने रहने की अनुमति देने की UPA सरकार की पहल का विरोध किया, तो हमने सोचा कि उनके पास उच्च नैतिक मूल्य (High Moral Values) हैं।
अध्यादेश को फाड़ दिया
हालांकि सरमा के मुताबिक मौजूदा हालात इसके उलट कहानी बयां कर रहे हैं।
मनमोहन सिंह के अधीन UPA मंत्रिमंडल (Cabinet) ने दो या अधिक वर्षों के लिए सजा के बाद भी सांसदों और विधायकों को पद पर बने रहने की अनुमति देने के लिए एक अध्यादेश लाया। उस समय यह राहुल गांधी थे जिन्होंने अध्यादेश (Ordinance) को फाड़ दिया था और कहा था कि वह ऐसे मामलों में सांसदों की तत्काल अयोग्यता के पक्ष में हैं।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, हालांकि, अब आप स्थिति को देखें.. राहुल गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी तत्काल अयोग्यता (Immediate Disqualification) का विरोध करने के लिए मजबूर किया है।
यह साबित करता है कि राहुल गांधी नैतिक रूप से भ्रष्ट (Corrupt) व्यक्ति हैं।