रांची: BJP नेता विधायक दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष मामले में विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker) को कटघरे में खड़ा किया।
मरांडी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री के इशारे पर मामले को लटकाए बैठे हैं।
प्रदेश BJP ने विधायक दल का नेता चयन कर विधानसभा सचिवालय को विधिसम्मत सूचना दी है।
राज्य सरकार के इशारे पर एक राजनीतिक साजिश
मरांडी ने कहा कि जहां तक JVM का BJP में विलय का सवाल है चुनाव आयोग (Election Commission) ने अपने निर्णय में सारी स्थित स्पष्ट कर दी है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसने विलय को मान्यता देते हुए दो बार उन्हें राज्यसभा चुनाव में BJP विधायक के रूप में मत देने का अधिकार दिया।
फिर भी स्पीकर (Speaker) की ओर से BJP नेता विधायक दल को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं देना राज्य सरकार (State Government) के इशारे पर एक राजनीतिक साजिश है।
फिर होंगी राज्य सरकार की नाकामियां उजागर
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि नेता प्रतिपक्ष की अनुशंसा से लोकायुक्त (Lokayukta) का चयन हो, सूचना आयुक्त का चयन हो। क्योंकि, फिर राज्य सरकार की नाकामियां उजागर होंगी।
लोकायुक्त के माध्यम से भ्रष्टाचार (Corruption) की जांच हो सकेगी।
भले ही राज्य सरकार तिकड़म से महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों को भरने से रोक दे लेकिन देश में कार्य कर रही अन्य संवैधानिक एजेंसियों की जांच से नहीं बच सकती।
साथ ही कहा कि आज राज्य सरकार पर जांच एजेंसियों (Investigative Agencies) का शिकंजा लगातार कसता ही जा रहा।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से बचाव के लिए राज्य सरकार कागजात तक गायब करवाने से बाज नहीं आ रही।