रांची: लातेहार के महुआडांड़ में आवासीय सेंटर में एथलीट कोच रही मारिया गोरती खलखो की तबीयत ठीक नहीं है।
अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी मदद की जिम्मेदारी रांची जिला प्रशासन को दी है। उन्होंने उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के साथ सूचना देने को कहा है।
ऐसे में अब मारिया को उम्मीद जगी है कि उनकी सेहत सुधरेगी और नयी जिंदगी मिल सकेगी।
मारिया 2014 से ही टीबी और दूसरी बीमारियों से लड़ रही हैं। संविदा पर काम करते हुए 2018 में रिटायर हुईं। आमदनी का कोई जरिया नहीं है।
ऊपर से हर महीने दवाइयों और अन्य जरूरतों के नाम पर पांच हजार तक का खर्चा अलग। उधार के भरोसे बीमारियों का इलाज चल रहा है।
विधायक सीता सोरेन ने मारिया खलखो के लिए चिंता जताते हुए इसे अत्यंत दुखद औऱ चिंताजनक बताया था।
ट्विटर पर कहा कि झारखंड के खिलाड़ी अपना पूरा जीवन खेल को समर्पित कर देते हैं, ताकि राज्य और देश का सर गर्व से ऊंचा रख सकें। पर ऐसा एक वक्त आता है जब वे बेबसी और लाचारी का शिकार हो जाते हैं।
सीता ने ट्विटर के जरिये मुख्यमंत्री और खेल मंत्री हफीजुल हसन से भी मदद की अपील की थी। इसके बाद सीएम ने रांची जिला प्रशासन को इस काम के लिए निर्देश दिया है।
मारिया की खराब तबीयत को देखते हुए पिछले दिनों खेल निदेशालय ने उनकी मदद को उनके घर पर 25 हजार की सहायता राशि भेजी थी।
रांची जिला खेल पदाधिकारी उपवन बाड़ा ने नामकुम स्थित उनके घर पर जाकर उन्हें ये पैसे दिये थे। मारिया ने सरकार से अपील किया कि उन्हें खिलाड़ी कल्याण सहायता कोष से मदद मिले।
रिटायर कोचों, खिलाड़ियों के लिए पेंशन सेवा का प्रावधान तय कर उन्हें भी इसका लाभ दिलाया जाये।