नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहार की रफ्तार कमजोर पड़ रही है। ऐसे में वैज्ञानिक अब चौथी लहर का अनुमान लगा रहे हैं।
कोरोना की तीसरी लहर धीमी पड़नी शुरू हो गई है लेकिन इसी बीच वैज्ञानिकों ने अब नया दावा करके चिंता फिर से बढ़ा दी है।
IIT कानपुर के गणित एवं सांख्यिकी विभाग के वैज्ञानिकों ने लोगों को आगाह किया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि जल्द ही कोरोना की चौथी लहर दस्तक देने वाली है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना की चौथी लहर 22 जून को दस्तक दे सकती है और 23 अगस्त के करीब चौथी लहर का पीक होगा और 22 अक्तूबर तक इसका प्रभाव पूरी तरह कमजोर पड़ जाएगा। यानि कि कोरोना की चौथी लहर चार महीने तक सताएगी।
ओमिक्रॉन के बाद चौथी लहर कितनी खतरनाक होगी यह नए वैरियंट और कितने लोगों को वैक्सीन और बूस्टर डोज लग चुकी हैं, इन पर निर्भर करेगा।
आईआईटी सांख्यिकी एवं गणित विभाग के डॉ. शलभ के मुताबिक चौथी लहर में संक्रमण दर और उसके प्रभाव का आकलन नए वैरिएंट के स्वरूप पर निर्भर होगा। वैज्ञानिकों का यह शोध मेड आर्किव वेबसाइट पर प्रकाशित भी हुआ है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का पहला मामला विश्व में पहली बार दिसंबर 2019 में सामने आया था। इसके बाद सभी देश इस वायरस के संक्रमण का शिकार हुए।
जिम्बांबे और भारत में तीसरी लहर के आंकड़े लगभग एक समान थे। वर्तमान में जिम्बांबे में चौथी लहर शुरू हो गई है।
इस वजह से जिम्बांबे के डाटा को आधार मान कर टीम ने गासियन वितरण मिश्रण प्रणाली का प्रयोग कर भारत में चौथी लहर का आकलन किया है।
MedRxiv में छपी रिपोर्ट के मुताबिक
कोरोना के मामले कम होने के साथ तीसरी लहर हल्की पड़ती जा रही है। अब आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने अगली लहर के समय का कैलकुलेशन लगाया है।
MedRxiv में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोविड की चौथी लहर 22 जून के आसपास आएगी और यह 24 अक्टूबर तक चलेगी।
इससे पहले आईआईटी कानपुर की स्टडी में भविष्यवाणी की गई थी कि भारत में तीसरी लहर फरवरी की शुरुआत में आएगी इसके बाद केसेज कम होने लगेंगे। यह आंकड़े दिसंबर में ही पब्लिश हो गए थे।
इन आंकड़ों में थोड़ा बहुत ही अंतर है और लगभग सही निकले।