दिल्ली : ऐतिहासिक एंटीक वस्तुओं का मूल्य अनमोल होता है। हालही में मुगल शासक औरंगजेब के पांचवें बेटे मुहम्मद कम बख्श के नाम का 10.9 ग्राम का दुर्लभ सोने का सिक्का की नीलामी की गई है।
इस दुर्लभ सिक्के की नीलामी का आयोजन बेंगलुरु के नीलाम घर मरुधर आर्ट्स ने किया।
इसकी शुरुआती कीमत 45-50 लाख रुपये रखी गई थी। मरुधर आर्ट्स के सीईओ राजेंद्र मारू ने बताया कि बीजापुर दार-उज-जफर टकसाल की इस स्वर्ण मोहर पर फारसी भाषा में लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि 10.90 ग्राम का यह सिक्का करीब-करीब प्रचलन में नहीं था। इसलिए यह अनोखा सिक्का है।
राजेंद्र मारू ने बताया कि ये नायाब सोने का सिक्का 56 लाख रुपये में नीलाम हुआ। हालांकि, उन्होंने मुगलकाल के इस सिक्के के खरीदार का नाम नहीं बताया।
मरुधर आर्ट्स के मुताबिक, मुहम्मद कम बख्श ने कई लड़ाइयों में हिस्सा लिया था। उसने 1707 में बीजापुर किला पर कब्जा भी कर लिया था और खुद को राजा घोषित कर दिया था।
हैदराबाद, गुलबर्गा (आज का कलबुर्गी), शाहपुर और विकीनखेड़ा जीतने के साथ धीरे-धीरे उसका दक्कन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा हो गया था।
हालांकि, प्रशासनिक अनुभव न होने के कारण कम बख्श के साम्राज्य का पतन हो गया है।
औरंगजेब के बड़े बेटे शाह आलम बहादुर ने जब मुगल साम्राज्य की बागडोर संभाली, तब उसने मुहम्मद कम बख्श की ओर से अपने नाम पर सिक्के छपवाने का संज्ञान लेते हुए गंभीर ऐतराज जताया था।
कहा जाता है कि इससे दोनों की सेनाओं के बीच भीषण लड़ाई हुई। इस लड़ाई में मुहम्मद कम बख्श बुरी तरह से घायल हो गया था।
बाद में उसे पकड़ लिया गया और घायल होने के चलते कम बख्श की दूसरे दिन ही मौत हो गई।