आयुष्मान भारत योजना ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदली तस्वीर

News Aroma Media
5 Min Read

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के आठ साल पूरे हो रहे हैं। इस दौरान हर क्षेत्र में तस्वीर बदली है लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव का खासा असर देखने को मिल रहा है।

विशेषकर प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजना आयुष्मान भारत के तहत तमाम योजनाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।

पिछले आठ साल में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए 1.5 लाख (1.5 lakh) हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना की जा रही है तो, आयुष्मान भारत फ्लैगशिप प्रोग्राम ने कई आयाम गढ़े हैं।

आयुष्मान भारत योजना के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदु भूषण (Indu Bhushan) बताते हैं कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) आयुष्मान भारत योजना सरकार द्वारा प्रायोजित दुनिया में सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है।

आयुष्मान भारत योजना सरकार द्वारा प्रायोजित दुनिया में सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना

इस योजना का उद्देश्य 10.74 करोड (10.74 crore) से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को हर साल प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। पीएम-जेएवाई के लाभार्थी भारतीय आबादी के सबसे वंचित 40 प्रतिशत हैं।

- Advertisement -
sikkim-ad

उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में पिछले साल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना(पीएम-जेएवाई) की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी ने Ayushman Bharat Digital Mission भी लॉन्च किया था, जिसके तहत लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health Id) प्रदान की जा रही है जिसमें उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड होगा।

इंदु भूषण ने बताया कि पिछले 70 सालों में स्वास्थ्य सेवाओं को तेजी से दुरुस्त करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।

उनके विजन के कारण ही देश में कोरोना जैसी महामारी से न केवल जंग जीती गई बल्कि देश में सभी लोगों को स्वदेशी वैक्सीन (indigenous vaccine) भी दी गई ।

इस दौरान स्वास्थ्य बजट को भी 130 फीसदी बढ़ाया गया जिसका असर अस्पतालों में दिखाई दे रहा है।वे बताते हैं कि मोदी सरकार में डॉक्टर्स की संख्या में 4 लाख से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

पिछले साल तक देश में 13.01 लाख एलोपैथिक डॉक्टर्स हैं। इनके अलावा 5.65 लाख आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी हैं।

पिछले एक साल में बनाए 5 करोड़ स्वास्थ्य कार्ड

आयुष्मान भारत के मौजूदा सीईओ डॉ. आर एस शर्मा (Dr. RS Sharma) बताते हैं कि पिछले एक साल में ही 5 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य कार्ड बनाकर दिया गया है।

देश के कोने-कोने से लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी निजी अस्पतालों में जाकर कैशलैस इलाज की सुविधा ले रहे हैं।

चूंकि पांच सालों में 50 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है इसलिए इसमें तेजी लाने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।

आने वाले एक साल में तकरीबन 47 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) दे दिया जाएगा।

पीएम-जेएवाई योजना के लाभ

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। केंद्र सरकार इस योजना को पूरी तरह से वित्तपोषित करती है, कार्यान्वयन लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है।

पीएम-जेएवाई योजना कैशलेस अस्पताल में भर्ती होने के अलावा योजना में अस्पताल में भर्ती होने से पहले के तीन दिन और अस्पताल में भर्ती होने के बाद के 15 दिनों के खर्च भी शामिल हैं, जिसमें परीक्षण और दवाओं की लागत भी शामिल है।

क्या क्या हुए बदलाव

1) 37,330 करोड़ रुपये (Rs 37,330 crore) का बजट हुआ करता था जो बढ़कर 86,606 करोड़ (86,606 crore)

2) 9.38 लाख (9.38 lakh) डॉक्टर्स की संख्या बढ़कर 13.01 लाख (13.01 lakh )डॉक्टर

3) 387 मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़कर 596 की गई

4) 51,348 एमबीबीएस (MBBS) सीटों को बढ़ाकर 88,120 सीटें की गई

Share This Article