रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने राढ़ बंगाल में प्रस्तावित बृहत झारखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत मानभूम-जंगलमहल क्षेत्रीय प्रशासन- (एमजेटीए) के अविलंब गठन की मांग की है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इस इलाके के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक पहचान तथा तरक्की क लिए एमजेटीए के गठन के लिए आजसू पार्टी संघर्ष की मुनादी के साथ इसे मुकाम तक पहुंचाएगी।
मंगलवार को पुरुलिया में आजसू पार्टी की बंगाल प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन में आजसू प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल का जंगल महल इलाका दशकों से सबसे उपेक्षित क्षेत्र रहा है।
यहां सरकारें कई आई-गई, लेकिन वृहत झारखंड का यह क्षेत्र-बांकुड़ा, झाड़ग्राम, मिदनापुर, पुरुलिया हाशिये पर रहा।
क्यों जरूरी है स्वायत्त परिषद का गठन
महतो ने कहा कि अलग राज्य की लड़ाई और वृहत झारखंड की मांग को लेकर झंडा उठाने में इस इलाके के लोगों की भागादारी हमेशा तक याद रखी जाएगी।
इसलिए इस सम्मेलन के जरिए हम सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं पर गहन चिंतन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वृहत झारखंड का यह क्षेत्र (बांकुड़ा, झाड़ग्राम, मिदनापुर, पुरुलिया) बंगाल के अन्य क्षेत्रों से भाषा, वेश-भूषा, रहन-सहन, खान-पान, पर्व-त्योहार, कला-संस्कृति के रुप में अलग पहचान रखता है।
जबकि झारखंड के एक इलाके से यहां की संस्कृति दशकों से मेल खाती है।
झारखंड बनने के बाद बंगाल में क्षेत्र के लोग अपने आप को उपेक्षित महसूस करते हैं।
आज इनका अस्मिता अस्तित्व खतरे में है।
इसलिए आजसू पार्टी वृहत झारखंड के इस इलाके के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्वायत्ता के लिए पहल करेगी।
कार्यकर्ता सम्मेलन में चार प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए।
इनमें राढ़ बंगाल में प्रस्तावित बृहत झारखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत मानभूम-जंगलमहल क्षेत्रीय प्रशासन का अविलंब गठन करने, प्रकृति पूजक समाज का अलग धर्म कोड, कुर्मी जाति को प्रदेश में अनुसूचित जनजाति का (एसटी) दर्जा और मूलवासी-आदिवासी भाषा संस्कृति के संरक्षण के लिए अलग भाषा-साहित्य परिषद का गठन।
रोड शो भी निकला
सभा में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया तथा सभा से पूर्व सभी नेताओं- कार्यकर्ताओं ने रोड शो निकालकर शहर में जबरदस्त उपस्थिति दर्ज की।
सम्मेलन में विधायक डॉ. लम्बोदर महतो, बंगाल प्रभारी तथा पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत, सुनील सिंह, सागेन दा आदि शामिल थे।