Baba Ramdev Apologized : मंगलवार को पतंजलि (Patanjali) आयुर्वेद की ओर से भ्रामक विज्ञापन (Advertisement) और एलोपैथी चिकित्सा को निशाने पर लेने के मामले में योग गुरु रामदेव खुद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे।
उनके साथ पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण भी अदालत में दिखे।
रामदेव ने वकील के माध्यम से कहा कि हम निजी तौर पर अदालत में हैं और माफी मांगते हैं, जिसे रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
अदालत ने कहा कि आपको पहले ही चेतावनी दी गई थी और आपने एफिडेविट भी दाखिल किया था। फिर क्यों इस तरह की गलती हुई।
यह पूरी तरह से अवमानना है। केवल उच्चतम न्यायालय ही नहीं बल्कि देश भर की सभी अदालतों द्वारा पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए।
अदालत ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण को निजी तौर पर फिर से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
अब दोनों को 10 अप्रैल को फिर कोर्ट में हाजिर रहना होगा। इसी दिन पतंजलि और योग गुरु रामदेव को हलफनामा भी दाखिल करना होगा।
अदालत ने कहा कि हम आपको आखिरी मौका देते हैं और जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का वक्त है। उच्चतम न्यायालय ने हलफनामे में पतंजलि के प्रबंध निदेशक के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि औषधि और प्रसाधन सामग्री (जादुई उपचार) अधिनियम पुराना है।
केंद्र सरकार पर भी कड़ी टिप्पणी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से ऐक्शन न लेने पर भी हैरानी जताई।
जस्टिन अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि आश्चर्य है कि जब पतंजलि कंपनी (Patanjali Company) जोर-शोर से यह कह रही थी कि एलोपैथी में Covid का कोई इलाज नहीं है तब सरकार ने अपनी आंखें बंद क्यों रखी।
इस पर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था।’ कोर्ट ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा, ‘आपको न्यायालय में दिए गए वचन का पालन करना होगा, आपने हर सीमा को तोड़ दिया है।’