रांची: Jharkhand में बांग्लादेशी घुसपैठ (Bangladeshi Infiltration) को लेकर BJP ने राज्य सरकार पर हमला बोला है।
राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) और रघुवर दास (Raghuvar Das) ने इसके लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे इस्तीफे तक की मांग कर डाली है।
बांग्लादेशियों की घुसपैठ के चलते डेमोग्राफी ही बदल गई
झारखंड के पूर्व CM और BJP विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने शनिवार को पाकुड़ में मीडिया से बात करते हुए कहा है कि राज्य में वर्ष 2024 में BJP की सरकार बनी तो संथाल परगना प्रमंडल में मिनी NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) लागू कराएगी।
इस प्रमंडल के पांच जिलों में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के चलते डेमोग्राफी ही बदल गई है। यह बेहद चिंताजनक स्थिति है।
वोट बैंक के लालच में घुसपैठियों को खुली छूट दी जा रही
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा वे वर्षों से उठा रहे हैं। घुसपैठ के अनगिनत मामले हैं। इसके प्रमाण हैं। लेकिन राज्य की मौजूदा सरकार घुसपैठियों को शह दे रही है। वोट बैंक के लालच में घुसपैठियों को खुली छूट दी जा रही है।
आने वाले दिनों में पूरे राज्य का जनसांख्यिकीय संतुलन बिगड़ जाएगा। संथाल परगना में मिनी एनआरसी कराना ही इस समस्या का समाधान है।
इससे पता चला कि यहां रह रहे लोगों में कब कौन आकर बसेगा। मरांडी ने कहा कि इस मुद्दे पर अब कोर्ट ने भी सरकार से सवाल पूछे हैं।
आदिवासियों के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा
मरांडी ने इस मुद्दे पर Tweet भी किया है, झारखंड में घुसपैठ की समस्या बहुत विकराल रूप ले रही है। संताल परगना के पूरे इलाके में जनसांख्यिकी परिवर्तन हो रहा है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों को स्थानीय निवासी बनाया जा रहा है। इस कारण संताल, पहाड़िया आदिवासियों के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है।
अपने राजनीतिक हितों को राष्ट्र और अपने जाति-समाज की सुरक्षा से भी ऊपर रखने वाले लोग याद रखें, भाजपा के सत्ता में आते ही चुन चुनकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा के बाहर किया जाएगा।
संथाल में लव व जमीन जिहाद चल रहा
इधर BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कहा है कि हेमंत सोरेन की पार्टी JMM ने संथाल में जनाधार बढ़ाने के लिए पीएफआई की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठ को संरक्षण दिया।
मैंने कहा था, संथाल में लव व जमीन जिहाद चल रहा है। हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।