कोलकाता: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने भारी बहुमत से जीत तो दर्ज कर ली है, लेकिन वे स्वयं चुनाव हार गईं।
नंदीग्राम सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 1,622 मतों से हराया।
हालांकि, पहले खबर आई थी कि ममता बनर्जी 1200 वोट से चुनाव जीत गई हैं, लेकिन देर शाम होते-होते चुनाव आयोग के हवाले से खबर आई कि नंदीग्राम से ममता बनर्जी चुनाव हार गई हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि ममता बनर्जी 1,622 वोटों से चुनाव हार गई हैं।
शाम 6:00 बजे मीडिया से मुखातिब होकर ममता बनर्जी ने कहा कि “इतनी बड़ी जीत के सामने नंदीग्राम की हार को खुशी-खुशी स्वीकार करती हूं।” हालांकि उन्होंने इसके पीछे साजिश का भी आरोप लगाया है।
आगे उन्होंने कहा, “मुझे खबर मिली है कि इसके पीछे कोई साजिश और दुर्नीति हुई है। इसके खिलाफ मैं कोर्ट जाऊंगी और सच्चाई को उजागर करूंगी।”
अमूमन ऐसा होता रहा है कि पश्चिम बंगाल में जब भी चुनाव में मुख्यमंत्री की हार होती है, तो वह पार्टी भी सत्ता से बाहर हो जाती है, लेकिन ममता बनर्जी ने इस परिपाटी को तोड़ दिया है।
भले ही वह नंदीग्राम से चुनाव हार गई हैं, लेकिन उनकी पार्टी सर्वाधिक 213 सीट जीतने की तरफ बढ़ रही है।
2016 में तृणमूल कांग्रेस 211 सीट जीत सकी थी।
भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री होने का नैतिक अधिकार अब ममता बनर्जी को नहीं है।
पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख और उत्तर बंगाल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी जो सीटिंग मुख्यमंत्री हैं, वह नंदीग्राम से चुनाव हार गईं। शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें 1,622 वोटों से हराया है।
अब वह अपने मुख्यमंत्रीत्व को किस नैतिक आधार पर जायज ठहराइंगी? ममता बनर्जी की हार तृणमूल की भारी जीत पर धब्बा है।