मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा में लंकेश भक्त मंडल की आपातकालीन बैठक (Lankesh Bhakta Mandal Meeting) का आयोजन गोविंद नगर स्थित सारस्वत धर्मशाला में किया गया, जिसमें बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के द्वारा वृंदावन में रावण पर जाति को लेकर की गई टिप्पणी का घोर विरोध किया गया।
इस मामले में मानहानि का वाद दाखिल करने का निर्णय लिया गया है। लंकेश भक्त मंडल के संयोजक एडवोकेट ओमवीर सारस्वत (Omveer Saraswat) ने कहा कि बागेश्वर धाम के नाम से कुछ दिनों से चर्चा में आए धीरेन्द्र शास्त्री अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने श्रीराम का किया अपमान
सारस्वत (Saraswat) ने कहा कि बाबा धीरेन्द्र शास्त्री ने प्रकांड विद्वान रावण को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की जाति का बता दिया।
भगवान राम ने रावण की विद्वता को मानते हुए लंका पर विजय प्राप्ति के लिए रावण से भगवान भोलेनाथ की पूजा कराई, तभी से वह स्थान रामेश्वरम के नाम से जाना जाता है।
लंका पर विजय के वाद रावण से भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) ने लक्ष्मण को राजनीति की शिक्षा दिलाई। धीरेंद्र शास्त्री ने रावण के यजमान रहे भगवान श्रीराम का भी अपमान किया है।
धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध मुकद्दमा
उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री धर्म के व्यवसाई (Practitioners of Religion) हैं। 10 से 15 लाख रुपए लेकर प्रवचन करते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भगवान के भक्त अथवा संत नहीं हो सकते।
उच्च कुल विभूषित पुलिस्त ऋषि के वंश में जन्मे रावण का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एडवोकेट संजय सारस्वत ने कहा कि रावण ब्राह्मण थे।
इस नाते हम सारस्वत ब्राह्मण रावण (Brahmin Ravana) के वंशज हैं। रावण पर जातिगत और अपमानजनक टिप्पणी की गई है।
जिससे हमारे समाज के लोगों का अन्य लोगों द्वारा परिहास किया जा रहा है। जिसके लिए हम धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध मानहानि का मुकद्दमा (Defamation Suit) दाखिल करेंगे।
धर्म के नाम पर अपमान
धर्म के नाम पर महान प्रकांड विद्वान रावण (Ravana) को अपमानित नहीं किया जा सकता। बैठक के दौरान कुलदीप अवस्थी, हरिश्चंद सारस्वत, कैप्टन केपी सारस्वत, फोजी सुरेश सारस्वत,ब्रजेश सारस्वत एडवोकेट,दीपक सारस्वत, केके पचौरी, गजेंद्र सारस्वत, राकेश सारस्वत आदि उपस्थित रहे।