Electoral Bond Fundings: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार को चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) पर राजनीतिक दलों से प्राप्त आँकड़े जारी किये, जो उसने सीलबंद कवर में Supreme Court को दिया था।
ECI ने एक बयान में कहा: “राजनीतिक दलों ने 2017 की रिट याचिका नंबर 880 में उच्चतम न्यायालय के 12 अप्रैल 2019 के अंतरिम आदेश के अनुरूप एक सीलबंद लिफाफे में Electoral Bond पर डेटा दाखिल किया था।
राजनीतिक दलों से प्राप्त डाटा बिना लिफाफा खोले सर्वोच्च न्यायालय में जमा कर दिये गये। Supreme Courtके आदेश के अनुपालन में 15 मार्च 2024 को Supreme Court की रजिस्ट्री ने एक सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में Digital Record के साथ भौतिक प्रतियाँ वापस कर दी हैं।
चुनाव आयोग ने कहा, “भारतीय चुनाव आयोग ने आज चुनावी बॉन्ड पर Supreme Courtकी रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।”
वास्तव में, ECI द्वारा जारी किए गए अंतिम दस्तावेज़ केवल बॉन्ड की तारीख, राशि, बॉन्ड जारी करने वाली एसबीआई की शाखा का नंबर, प्राप्ति की तारीख और भुनाने की तारीख से संबंधित कच्चे आंकड़े हैं। इनमें बॉन्ड की विशिष्ट संख्या का खुलासा नहीं किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने SBI को पत्र लिखकर बॉन्ड की विशिष्ट संख्या माँगी है ताकि पार्टी Supreme Courtके निर्देशों का पालन कर सके। भाजपा ने एसबीआई से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, हालांकि , पार्टी ने भी कच्चा डेटा ही दिया है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने “चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई भी दान” मिलने से इनकार किया है। CPI(M) ने भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान प्राप्त करने की बात कही है। हालाँकि, कांग्रेस ने कहा कि वह SBI द्वारा चुनाव आयोग को दिया गया कच्चा डेटा जारी करेगी।