बिहार में पान मसालों की बिक्री पर फिर लग सकता है प्रतिबंध

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पटना: जिस धीमी जहर को बिहार सरकार ने एक साल के लिए बैन किया था, अब फिर से वही जहर गुटखा और पान मसालों में मिलाकर बेचा जा रहा है।

बिहार में चार बड़े ब्रांड की पान मसलों की जांच में फिर से मैग्नीशियम कार्बोनेट मिला है।

पान मसाला और गुटखों में मैग्नीशियम कार्बोनेट की खतरनाक मात्रा होने के कारण ही इसे बंद किया गया था, लेकिन अब फिर से बड़े ब्रांड वही जहर घोल रहे हैं।

शराबबंदी के बाद बिहार सरकार ने ट्रायल के तौर पर इसे 30 अगस्त, 2019 से लागू किया था, जिसकी अवधि अगस्त, 2020 में ही खत्म हो गई है।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने राज्यभर के विभिन्न जिलों के सैंपल के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। इसके आधार पर अब संबंधित ब्रांड को नोटिस भेजा जा रहा है।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिलों से एक साथ नमूने लिए थे।

इसमें पान मसाला के चार प्रमुख ब्रांडों के साथ लगभग आधा दर्जन अन्य कंपनियों का पान मसाला शामिल था।

पटना के तीन दुकानों से चार ब्रांड के पान मसाले जांच के लिए गए थे।

बिहार के विभिन्न जिलों से आए नमूनों को जांच के लिए खाद्य एवं औषधि जांच प्रयोगशाला अगमकुआं, पटना भेजा गया था। जांच रिपोर्ट फिर चौंकाने वाली आई है।

वर्ष 2019 में जिस कारण से पान मसालों को प्रतिबंधित लगाया गया था, वही खतरनाक रसायन मैग्नीशियम कार्बोनेट फिर पाये गए हैं।

खाद्य सुरक्षा विभाग पान मसालों की रिपोर्ट आने के बाद संबंधित कंपनियों के साथ दुकानदारों को नोटिस भेज रहा है।

नोटिस के बाद नमूनों की जांच के लिए उसे दिल्ली भेजा जा सकता है।

इसका खर्च संबंधित कंपनी और दुकानदार को देना होगा। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंध 12 माह के लिए लगाया गया था जो अगस्त में पूरा हो गया है।

इसके बाद जांच में फिर वही रसायन पाया गया है, जो एक साल पहले पाया गया था।

उनका कहना है कि अगर दोबारा जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया जाता है तो पान मसालों पर फिर प्रतिबंधित लगाया जा सकता है।

वर्ष 2019 में भी स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव सह खाद्य सुरक्षा आयुक्त संजय कुमार ने पान मसाला के विभिन्न ब्रांड में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाए जाने के बाद लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई ब्रांडों के पान मसालों की बिक्री, उत्पादन, भण्डारण एवं परिवहन पर 30 अगस्त 2019 को बैन कर दिया था।