125 Crocodiles had to die: क्रोकोडाइल X के नाम पहचान बना चुके लाम्फुन में रहने वाले नट्टापक खुमकड़ (Nattapak Khumakar) अपने पाले हुए 125 Crocodile को करंट लगाकर मार दिया।
इसके पीछे का कारण ये हैं कि यहां तूफान आया था जिसके कारण उनके फार्म की दीवारे कमजोर हो गई थी। दीवार गिरने वाली थी। दीवार टूटने से मगरमच्छ आसपास के क्षेत्रों में फैल सकते थे, जिससे आम लोगों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था।
नट्टापक ने फार्म को सुरक्षित करने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई वैकल्पिक स्थान नहीं मिलने के कारण उन्हें इस कठिन कदम पर जाना पड़ा।
नट्टापक का कहना था, मेरे परिवार और मैंने इस पर चर्चा की और महसूस किया कि अगर दीवार गिर जाती, तो हम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते थे। उनकी जान बचाने के लिए हमें मगरमच्छों को मारना पड़ा।
अब भी 500 छोटे मगरमच्छ हैं नट्टापक के पास
यह उनके लिए जीवन का सबसे कठिन फैसला था, क्योंकि वह पिछले 17 साल से इन मगरमच्छों का पालन-पोषण कर रहे थे।
इस वर्ष का सबसे शक्तिशाली तूफान टाइफून (Storm Typhoon) यागी ने थाईलैंड और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई। थाईलैंड के उत्तरी क्षेत्रों में बाढ़ और भारी बारिश ने हजारों घरों को प्रभावित किया और कम से कम नौ लोगों की जान ले ली।
नट्टापक के पास अब भी 500 छोटे मगरमच्छ हैं, जो एक से चार फीट लंबे हैं। थाईलैंड में मगरमच्छ पालन एक लाभदायक व्यवसाय है, और देश में लगभग 1,100 रजिस्टर्ड मगरमच्छ फार्म हैं, जो हर साल 1,700 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार करते हैं। हालांकि, साइमीज मगरमच्छ (Saimei Crocodile) लुप्तप्राय प्रजाति है, और इनके संरक्षण की आवश्यकता है।