नई दिल्ली: चौथी तिमाही में बैंक आफ बड़ौदा मुनाफे से करीब 1050 करोड़ रुपए के घाटे में आ गया, लेकिन ऐसेट क्वालिटी उम्मीद से बेहतर रही।
ज्यादातर ब्रोकरेज नतीजों से खुश है और सीएलएसए ने दिया सबसे ज्यादा 130 रुपए का टारगेट दिया है। वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा के नतीजे बेहद निराशाजनक रहे।
मार्च तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का स्टैंडअलोन नेट लॉस 1046.5 करोड़ रुपए रहा, जबकि दिसंबर तिमाही में बैंक को 1,061 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था।
इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2020 के चौथी तिमाही में भी बैंक को 506 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
चौथी तिमाही में बैंक आफ बड़ौदा की नेट इंटरेस्ट इनकम 4 फीसदी बढ़कर सालाना आधार पर 7,107 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 6,798.4 करोड़ रुपे रहा था।
मार्च तिमाही में बैंक के प्रोविजंस और कंटिंजेंसीज 3,586 करोड़ रुपए रहे, जो दिसंबर तिमाही में 3,434.6 करोड़ रुपए और एक साल पहले वित्त वर्ष 2020 के चौथी तिमाही में 6,645 करोड़ रुपए रहा था।