Minister Banna Gupta: सहिया दीदियों का मानदेय बढ़ाने के मामले में चंपाई सोरेन (Champai Soren) सरकार ने बड़ी बात कही है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बजट सत्र (Budget Session) में सदन में कहा कि सहिया दीदियों का स्थायीकरण राज्य का नहीं, बल्कि केंद्र का मामला है। इनका मानदेय बढ़ाया जाना है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री Mansukh Mandaviya के साथ हुई सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की अलग-अलग बैठकों में यह मामला उठाया है।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि केंद्र सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती है, तो राज्य सरकार अपने स्तर से कुछ न कुछ मानदेय जरूर बढ़ाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री सदन में विधायक अमित कुमार यादव के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। अमित खुद सदन में अनुपस्थित थे, इसलिए विधायक उमा शंकर अकेला ने उनका सवाल सदन में रखा।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि उन्होंने सहियाओं का मामला अब तक कई बार केंद्र के सामने उठाया है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। इसके बावजूद राज्य सरकार अपने स्तर से समाधान का प्रयास कर रही है। इस पर निर्णय जल्द होगा।
अमित यादव का सवाल था कि राज्य में अनुबंध के आधार पर एएनएम, जीएनएम लैब अस्सिटेंट, X-Ray Technician, सहिया दीदी, पोषण सखी, फार्मासिस्ट के करीब 2000 कर्मी विभाग में 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं। पूछा था कि क्या सरकार इन कर्मियों का स्थायीकरण करना चाहती है?
विभाग की ओर से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड (National Health Mission Jharkhand) के अंतर्गत कुल 39,964 ग्रामीण सहिया दीदी व 2500 शहरी सहिया दीदी हैं। उनका चयन, मनोनयन ग्राम सभा करती है।