कोलकाता: पश्चिम बंगाल राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान माकपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोशिशें कारगर होती दिख रही हैं।
गुरुवार को दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बीच हुई बैठक में राज्य की 294 में से 193 सीटों पर सहमति बन गई है।
अभी तक हुए समझौते के अनुसार कांग्रेस 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेफ्ट पार्टियां 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। बाकी 101 सीटों पर पार्टियों के बीच अगले दौर की बातचीत में बंटवारा किया जाएगा।
पार्टियों ने सोमवार को फैसला किया था कि वे साल 2016 के चुनावों में क्रमश: जीती गई सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। साल 2016 में वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 77 सीटें जीती थीं, जिसमें से 44 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, ‘आज हमने तय किया है कि हम संबंधित 44 और 33 सीटें अपने-अपने पास रखेंगे जो कांग्रेस और वाम दलों ने साल 2016 में जीती थीं।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि महीने के आखिर तक सीटों का बंटवारा पूरा हो जाएगा। फासिस्ट तृणमूल और सांप्रदायिक भाजपा का मुकाबला करने में गठबंधन मददगार बनेगा।
294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में 2016 में तृणमूल ने अपना बहुमत बरकरार रखा था और 211 सीटें जीती थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने तीन सीटें जीती थीं।
हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, वाम और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस ने दो और वाम मोर्चे ने एक भी सीट नहीं जीती।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिन 193 सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनी है उन पर जल्द ही उम्मीदवार तय किए जाएंगे। बाकी बची सीटों पर भी जल्द सहमति बनेगी।