रांची: सत्पुरुषों का सबसे बड़ा धन उनके श्रेष्ठ कर्म (Best work) ही हैं। वे अपने सदव्यवहार, विनम्रता तथा परोपकारों से पुण्य लाभ प्राप्त करते रहते हैं।
इसके फलस्वरूप उन्हें परमात्मा से अक्षय सुख मिलता है। ये बातें रविवार को ब्रह्माकुमारी निर्मला (Brahma Kumari Nirmala) बहन ने कही। वे चौधरी बगान स्थित संस्थान में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि नई सृष्टि, सुखमय सृष्टि की रचना नये संकल्पों व विचारों से होती है। नये विचार सृष्टि के रचयिता परमपिता परमात्मा से प्राप्त होते हैं।
आज मानव अनेक प्रकार के विचारों, समस्याओं और कलह-क्लेश से घिरा हुआ है। उसका यह क्लेश (Tribulation) तभी दूर होगा जब वह संसार के भले के लिए कुछ नया सोचेगा।