रांची: रांची पुलिस ने सीएम हेमंत सोरेन का काफिला रोकने के आरोप में गिरफ्तार भैरव सिंह से घंटों पूछताछ की।
भैरव ने पुलिस को बताया कि काफिला रोकने का उसका कोई इरादा नहीं था।
जैसा की उसने कोर्ट में भी मीडिया के साने यही कहा था। भैरव ने बताया की लोग प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए थे।
लेकिन इसी बीच सीएम का काफिला आ गया और लोग उधर चले गए। पुलिस ने भैरव को सात दिन के लिए रिमांड पर लिया है।
पुलिस प्रदर्शन करने के दौरान भैरव सिंह के साथ कौन-कौन था, इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस के पास उस दिन के कई सारे वीडियो फुटेज भी हैं, जो पुलिस ने अलग-अलग जगह से इकट्टा किया है।
पुलिस उसी के आधार पर आरोपियों को पकड़ कर जेल भेज रही है।
कई लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके घर के लोग प्रदर्शन के दौरान मौके पर मौजूद नहीं थे, फिर भी पुलिस उठा कर ले गई है।
इस तरह की शिकायत को लेकर गुरुवार को सुखदेवनगर और चुटिया थाना पहुंच लोगों ने हंगामा भी किया था।
मामले में अबतक 72 नामजद और 50 अज्ञात लाेगाें पर प्राथमिकी दर्ज है जिसमें 34 को जेल भेजा जा चूका है।
इधर ओरमांझी में मिली सिर कटी युवती के शव की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। इस बीच डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर घटनास्थल से 15 किमी के क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया।
शुक्रवार को एसएसपी ने 400 जवानों के साथ तलाश करते रहे, लेकिन न सिर मिला और न ही कोई सुराग।
इधर, रांची पुलिस ने अचानक शुक्रवार देर रात युवती के धड़ का रिम्स में दोबारा पोस्टमार्टम कराया। देर रात कार्यपालक दंडाधिकारी पवन कुमार और सिल्ली डीएसपी चंद्रशेखर के समक्ष डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया।
बता दें कि जहां घटना घटी वहां के कॉल डंप में भी किसी मोबाइल के चालू रहने के सबूत नहीं मिले।
ऐसी स्थिति में इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस के पसीने छूटने लगे हैं।
घटना स्थल के आसपास के इलाकों का घंटों खाक छानने के बाद कोई सुराग नहीं मिला है।