रांची: भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर क्षेत्रीय भाषाओं का अपमान करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन माफी मांगे।
हिंदी की उपभाषा मगही, भोजपुरी बोलने वालों को बलात्कारी बताए जाने पर भानु प्रताप शाही हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर बरसे।
मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में शाही ने कहा कि पंथ मजहब के आधार पर भाषा को बांटना उचित नहीं है।
मगही, भोजपुरी भाषा से नफरत और पाकिस्तानी भाषा उर्दू से प्यार कैसा है, यह मुख्यमंत्री स्पष्ट करें। हेमंत सोरेन नमाज नीति के तहत धर्म से धर्म और अब भाषा को भाषा से लड़ाना चाहते हैं। भाजपा इसकी घोर निंदा करती है।
यह नियोजन नीति के अंदर तुष्टिकरण है। भाषा के आधार पर बलात्कारी, दुष्कर्मी बताना असंवैधानिक है। नियोजन नीति में मैथली, अंगिका, भोजपुरी एवं मगही को तुष्टिकरण के तहत हटा दिया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हिंदी का अपमान करने का कार्य किया है। यह सीधे सीधे तुष्टिकरण की नीति को परिभाषित कर रहा है।
साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में आदिवासी मूलवासी को बाहर रखने की तैयारी है। शाही ने कहा कि एक भाषा बोलने वाले को बलात्कारी कहना मुख्यमंत्री के तुष्टीकरण की नीति को दर्शाता है।
हेमन्त सोरेन ने झारखंड के जनजातीय, आदिवासी, मूलवासी, हिंदीवासी के भावनाओं को आहत किया है।
उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं आपके विधायक मिथलेश ठाकुर, सुदिव्य कुमार, कांग्रेस के उमाशंकर अकेला, अम्बा प्रसाद, कुमार जयमंगल, बन्ना गुप्ता, पूर्णिमा नीरज सिंह, बदल पत्रलेख, दीपिका पांडेय के बारे क्या ख्याल रखते हैं, जो मगही भोजपुरी जैसे क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले भी झारखंड की लड़ाई लड़े हैं। हेमन्त सोरेन वैसे दलों के साथ सरकार चला रहे हैं जिन्होंने झारखंड आंदोलन का विरोध किया था। हेमन्त सोरेन हिन्दू का विरोध करते-करते हिंदी के विरोध में उतर आए हैं।
पूर्व विधायक विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने हिंदी भाषा पर टिप्पणी किया है। आज हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी भाषा की तौहीन की गई है। हेमन्त सोरेन ने असंवैधानिक भाषा का प्रयोग किया है।
प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा और प्रदेश मीडिया सह प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह मौजूद थे।