रांची: आठ दिसंबर को किसानों द्वारा आयोजित भारत बंद का कई आदिवासी संगठनों ने भी समर्थन दिया है। इसको लेकर डिप्टीपाड़ा में आदिवासी छात्रसंघ की बैठक रविवार को हुई।
अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सुशील उरांव ने की। सहमति बनी कि 8 तारीख के बंद में संघ समर्थन करेगा और संघ के समर्थक सड़क में उतर कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नाग और महासचिव रतन सिंह मुंडा ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि बंद का समर्थन करते हुए समिति के सदस्य सड़क में उतरेंगे।
उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने जो कृषि कानून बनाई है। वह किसानों के हित में नही है। आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के दायरे में किसानों को लाकर गुलाम बनाने का षड़यंत्र कर रही है और कॉरपोरेट घरानों व पूंजीवादी व्यवस्था कायम करना चाहती हैं।
संघ के जिलाध्यक्ष प्रभात तिर्की ने कहा कि झारखंड के 90 फीसद आदिवासी-मूलवासी कृषि पर निर्भर है। झारखंड के अधिकांश छात्र कृषि कार्यो से हुई आमदनी से अपनी शिक्षा ग्रहण कर पाते है।
बैठक में सुमित उरांव, मनोज उरांव, संदीप उरांव, सैनी उरांव सहित अन्य शामिल थे। वही झारखंड आदिवासी विकास समिति ने भी बंद का समर्थन किया है।