नई दिल्ली: RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ (Indian labor union) 17 नवंबर 2022 को जंतर-मंतर ( Jantar Mantar) पर एक बड़ा आंदोलन करेगा।
देशभर से सरकारी तथा सार्वजनिक उपक्रमों के लाखों कामगार इस आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी में जुटे हैं। दरअसल भारतीय मजदूर संघ तथा इससे सम्बद्ध भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ (Defense Labor Union of India) व अन्य संगठन सरकारी व पब्लिक सेक्टर (Public Sector) के उद्योगों के सरकार के निगमीकरण, निजीकरण, विनिवेश, न्यू पेंशन स्कीम आदि कामगार विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामन्त्री मुकेश सिंह ने एक समाचार चैनल (News Channel) से कहा, “केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का कल भी, आज भी और आने वाले कल भी हम पुरजोर विरोध करेंगे, चाहे सरकार की राजनैतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।”
17 नवंबर को जंतर-मंतर पर आंदोलन के लिये इकट्ठे हो रहे हैं
आपको बता दे कि 16 मई 2020 को ‘आत्मनिर्भर भारत’ ( Aatmanirbhar Bhaarat) पैकेज की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ऐलान किया कि आयुध निर्माणियों का निगमीकरण किया जायेगा तथा शत प्रतिशत सरकारी अंशधारिता वाली एक या एक से अधिक कंपनियों के रूप में इसको सूचीबद्ध किया जाएगा।
निगमीकरण को लेकर मजदूरों के विरोध के बावजूद 1 अक्टूबर 2021 को इन आयुध निर्माणियों को DPSU में बदल दिया गया।
आयुध निर्माणियों का निगमीकरण राष्ट्र हित’ में नही है इसलिए इसे निरस्त कराने के लिए भारतीय मजदूर संघ के हजारों कामगार 17 नवंबर को जंतर-मंतर पर आंदोलन के लिये इकट्ठे हो रहे हैं।