वाशिंगटन: अमेरिकी चयनित राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को यूएस कैपिटल में प्रदर्शनकारियों द्वारा इमारत में तोड़-फोड़ करने और औपचारिक रूप से चल रहे इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों को रोकने के लिए कार्यवाही को मजबूर करने की घटना को विद्रोह बताया।
बाइडन ने विलमिंगटन, डेलावेयर में कहा, यह विरोध नहीं है, यह विद्रोह है।
यह असंतोष नहीं है, यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह देशद्रोह से मिलता-जुलता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डेमोक्रेट ने कहा कि, वह रिपब्लिकन, डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करते हैं कि वह अपनी शपथ पूरी करने और संविधान की रक्षा करने और इस अशांति को समाप्त करने की मांग करने के लिए टेलीविजन पर आए।
गौरतलब है कि ट्रंप ने बाइडेन के साथ 2020 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में अपनी हार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और वह अभी भी वोट में धोखाधड़ी के दावे कर रहे हैं।
हालांकि विभिन्न स्तरों पर अमेरिकी कोर्ट ने उनके अभियान और सहयोगियों द्वारा दायर दर्जनों मुकदमों को सबूतों की कमी के कारण खारिज कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसकर जमकर उत्पात मचाया और हिंसा की।
इस दौरान हुई गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई है।
ट्रंप समर्थक कांग्रेस के लोकतांत्रिक कामकाज को रोकने के लिए यहां पहुंचे थे, जो कि राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति के तौर पर कमला हैरिस की जीत की पुष्टि करने के लिए प्रक्रिया कर रहे थे।
मरने वाली महिला की शाम तक पहचान नहीं हो सकी थी। कैपिटल बिल्डिंग पर समर्थकों ने कब्जा कर लिया था और वहां से धुआं निकल रहा था।
वहीं इन लोगों को हटाने के लिए नेशनल गार्ड और संघीय कानून प्रवर्तन कर्मियों को भेजा गया है।
यहां स्थानीय समय के अनुसार शाम 6 पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया।
यह दंगा तब शुरू हुआ, जब कांग्रेस चुनावी कॉलेज के वोटों की पुष्टि कर रही थी कि इसमें बाइडेन-हैरिस को चुना गया है।