बेलगावी: केंद्रीय संसदीय कार्य एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया बचाव अभियान एक बड़ी चुनौती है।
बेलगावी सांब्रे हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के बारे में भ्रम है। यह सत्यापित नहीं है कि यूक्रेन से जो वीडियो आ रहे हैं वे असली हैं या फर्जी। उन्होंने कहा, हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस गंभीर स्थिति में यूक्रेन से छात्रों को निकालने वाला विमान रविवार को वापस आ गया। उन्होंने कहा, हमने यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ बात की है। प्रयास जारी हैं, हमें अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी राज्यों से सहयोग मिलेगा।
जोशी ने कहा, भारत सरकार निकासी की लागत वहन करेगी और छात्रों को मुंबई और नई दिल्ली शहरों के बीच कोई (विकल्प) चयन करने की आवश्यकता है।
मैं केंद्रीय विदेश मंत्री के साथ-साथ केंद्रीय विदेश मामलों के राज्य मंत्री के संपर्क में हूं। चूंकि, स्थिति जटिल है, हमें रूस के साथ-साथ यूक्रेन से भी बात करनी होगी।
उन्होंने कहा, हमारी प्राथमिकता अपने नागरिकों को वापस लाना है और वास्तव में यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। पहले इराक और अफगानिस्तान से निकासी अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया था, जहां संकट की स्थिति थी।
यूक्रेन में जारी संकट के बीच भारत की ओर से फंसे नागरिकों और छात्रों को स्वदेश वापस लाने के लिए लगातार निकासी अभियान जारी है।
युद्ध अचानक छिड़ गया, जिससे संकट की स्थिति पैदा हो गई। भौगोलिक ²ष्टि से यूक्रेन बड़ा देश है। यूक्रेन से छात्रों को लेकर विमान सोमवार को भी भारत पहुंच रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार इस संबंध में समझदारी से काम कर रही है।
कर्नाटक के 406 छात्रों ने राज्य सरकार द्वारा स्थापित हेल्पलाइन के माध्यम से यूक्रेन से निकासी के लिए नामांकन किया है। राज्य में अब तक 42 छात्र वापस आ चुके हैं।