नई दिल्ली: तेलंगाना सरकार ने राज्य से 15 लाख टन चावल की खरीद की मांग को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
तेलंगाना सीएम ने धान की खरीद पर केंद्र सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दे दिया है।
चंद्रशेखर राव ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को हाथ जोड़ कर अनुरोध कर रहा हूं कि, सारे जगहों से जिस तरह धान खरीद रहे हैं उसी तरह ही हमसे खरीदो।
हम 24 घंटे तक इंतजार करेंगे, जल्द फैसला नहीं लिया गया तो उसके बाद हम खुद यहां आकर फैसला लेंगे। हम आपके पीछे पड़ जाएंगे और हम वापस आकर अन्य साथियों से राष्ट्रपति के चुनाव और इनकी नीतियों पर बात भी करेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना के मौजूदा रबी सीजन में आंशिक रूप से उबले हुए चावल खरीदने के अनुरोध को कथित रूप से अस्वीकार करने के बाद टीआरएस ने अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।
केंद्र सरकार पर मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि, सरकार की नीति साफ है, यह किसानों की जमीन कॉरपोरेट को देना चाहते हैं, आज करीब 2 हजार किलोमीटर से राज्य के सभी नेता और किसान दिल्ली आए हैं, क्यों आना पड़ा ? क्या मजबूरी थी ? राज्य के किसानों ने क्या पाप किया, क्या धान उगाना पाप था ? आप किसी से भी खिलवाड़ कर सकते लेकिन किसानों से नहीं।
आपके मंत्री किसानों से दुर्व्यवहार करे वो नहीं चलेगा। हमारे लोग सरकार की मांगों को लेकर आए तब आपके मंत्री पीयूष गोयल का व्यवहार अपमानित था। उन्होंने अन्नदाताओं के लिए कहा कि, आप किनकी (टूटा हुआ चवाल) खाओ।
यह पीयूष गोयल नहीं पीयूष गोलमाल है। वह समझते क्या है मुझे नहीं पता, उनको क्या जानकारी है मुझे समझ नहीं आता। तेलंगाना सिर्फ अपना हक चाहता है, हम भिखारी नहीं हैं।
उन्होने आगे कहा कि, देश में किसानों का संग्राम फिर शुरु होगा, हमारा पूरा राज्य डटकर खड़े हो जाएंगे। केंद्र ने किसानों को अपमानित किया, हमने देखा। किसानों से पीएम को माफी तक मांगनी पड़ी।
केंद्र सरकार जल्द नई एग्रीकल्चर पॉलसी बनाए, हम उसमें अपना योगदान देंगे। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको हटा दिया जाएगा। साथ ही तेलंगाना राज्य इतना कमजोर नहीं हैं।
सरकार बताए, हमारे धान खरीदी का केंद्र में धन नहीं या मोदी जी का मन नहीं? सारे राजनेताओं को इकट्ठा करेंगे। एमएसपी मिलने तक लड़ेंगे आखिरी खून की बूंद तक।
दरअसल 2014 में तेलंगाना में सत्ता में आने के बाद दिल्ली में टीआरएस की यह पहली विरोध रैली हुई, पार्टी के सांसद, एमएलसी, विधायक, सभी कैबिनेट मंत्री और शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि दिल्ली पहुंचकर अपनी मांगों पर प्रदर्शन किया।
इसी के साथ तेलंगाना सरकार भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को भी अपने साथ लेकर मंच पर पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कोई राज्य सरकार किसानों के पक्ष में दिल्ली आई।
हमारी एक ही मांग है हमारे फसलों के दाम चाहिए, एमएसपी गारंटी चाहिए और 23 फसलों पर चाहिए। किसानों के 13 महीने के आंदोलन में सरकार समझ नहीं सकी है।
किसान ऐसे ही मरता रहेगा, किसान आंदोलन की बात करेगा तो पर्चे दर्ज होंगे? आदिवासी, मजदूरों की बात करना गुनाह हो गया है। क्या यह शिकायत यूएनओ में करें, सरकार ध्यान से सुन ले, किसान अपने हक के लिए लड़ेंगे।
किसानों के साथ अन्याय हो रहा है और देश में एक और बड़े आंदोलन की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि, यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है जो देश के किसानों की बात करेगा, हम उनके साथ खड़े होंगे। यह वोट मांगने नहीं आए, यह फसलों के दाम मांगने आए हैं।
किसान संगठन उस सरकार का साथ देगी जो किसान के लिए दिल्ली में आकर लड़ेगी। आप यहां आए, दिल्ली में बैठे लोगों को बता दिया कि हैं कमजोर नहीं है।
तेलंगाना सरकार की पॉलिसी के बारे में हमने कई बार नाम लिया, जो किसानों के लिए काम करेगा हम उनका नाम लेंगे। आज देश में बहतर पॉलिसी तेलंगना सरकार की है।
केंद्र जबतक डायरेक्ट सब्सिडी नहीं देगी तब तक किसान को फायदा नहीं होगा।