धनबाद: गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women) और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को मधुमेह (Diabetes) के नुकसान से बचाने के लिए स्वास्थ विभाग (Health Department) ने गर्भवती महिलाओं को मधुमेह की जांच अनिवार्य कर दी है।
यह जांच केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जननी शिशु सुरक्षा योजना (Janani Shishu Suraksha Yojana) के तहत की जाएगी।
सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में एंटीनेटल चेकअप (Antinatal Checkup) में अब मधुमेह की जांच भी की जाएगी।
इस नई पद्धति से जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया गया।
इसके बाद डॉक्टर कराएंगे मधुमेह की जांच
जानकारी देते हुए सिविल सर्जन (Civil Surgeon) आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं को 50 ग्राम ग्लूकोज लिक्विड (Glucose Liquid) पीने के लिए दिया जाएगा।
इसे घोलने के लिए ग्लूकोस लिक्विड जार दिया जा रहा है। इसमें 50 ग्राम, 100 ग्राम ,डेढ़ सौ ग्राम 200 ग्राम अलग-अलग पैमाना तय किया गया है।
इसके बाद डॉक्टर मधुमेह की जांच कराएंगे। यदि शुगर स्तर 200 मिलीग्राम/डीएल (mg/dL) से ज्यादा आता है, तो इसका मतलब महिला को टाइप-टू डायबिटीज (Type-Two Diabetes) है।
अगर शुगर लेवल 140mg/dL ज्यादा आता है तो डॉक्टर ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट कराने के लिए कहेंगे।