नई दिल्ली: देश के समुद्री तटों को साफ-सफाई सहित कई पैमानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की दिशा में केंद्र सरकार का पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जुटा है।
आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग टैग मिलने के बाद अब सौ और तटों के लिए काम शुरू हुआ है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को वर्चुअल रूप से देश के आठ उन समुद्री तटों पर अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग फहराया, जिन्हें बीते छह अक्टूबर को यूएनईपी,यूनेस्को जैसे संगठनों वाले अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने टैग के लिए चुना था।
ब्लू फ्लैग उन समुद्र तटों को मिलता है, जहां स्वास्थ्य साफ-सफाई और पर्यावरण से जुड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के 33 कठोर मानकों का पालन होता है।
यह प्रतिष्ठित टैग डेनमार्क के फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंट एजूकेशन की ओर से दिया जाता है।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने समुद्र तटों की सफाई को जनांदोलन बनाने की जरूरत बताई।
भारत ने अगले तीन वर्षों में सौ और समुद्री तटों के लिए प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग टैग प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया।
राज्य और केंद्र सरकारों के साथ लोगों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए जावडेकर ने कहा कि स्वच्छ समुद्री तट इस बात का संकेत देते हैं कि तटीय पर्यावरण की सेहत अच्छी है और ब्लू फ्लैग प्रमाण-पत्र भारत के संरक्षण तथा स्थायी विकास प्रयासों को वैश्विक मान्यता है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, आने वाले 3-4 वर्षों में ऐसे और 100 समुद्री तट ब्लू फ्लैग वाले बनाए जाएंगे।
समुद्री किनारों की साफ-सफाई को न केवल सौंदर्य और पर्यटन संभावनाओं की दृष्टि से बल्कि समुद्री गंदगी कम करने और तटीय पर्यावरण को स्थायी बनाने के महत्व को देखते हुए जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए।
जिन स्थानों पर इंटरनेशनल ब्लू फ्लैग फहराए गए उनमें केरल का कप्पड, गुजरात का शिवराजपुर, दीव का घोघला, कर्नाटक का कसरकोड तथा पदुबिदरी, वहीं आंध्र प्रदेश का रूशिकोन्डा, ओडिशा का गोल्डेन और अंडमान तथा निकोबार दीव समूह के राधानगर शामिल हैं।
इन समुद्री तटों पर ब्लू फ्लैग संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से फहराए गए।