मुंबई: सन 2002 में ‘फेमिना मिस इंडिया’ खिताब अपने नाम करने वाली नेहा धूपिया का शुमार बॉलीवुड की बड़ी अभिनेत्रियों में किया जाता है।
नेहा धूपिया ने अपने करियर की शुरुआत एक मॉडल के रूप में की, लेकिन उन्होंने जल्दी ही अपनी अभिनय क्षमता का भी लोहा मनवाया।
हिंदी, पंजाबी, मलयालम और तेलुगु की अनेक फिल्मों में अभिनय करने वाली नेहा धूपिया लंबे समय से फेमिना मिस इंडिया की जज की भूमिका निभा रही हैं।
नेहा ने कहा कि सोशल मीडिया पर होने वाली ट्रोलिंग मुझे बहुत परेशान करती है।
मुझे लोगों की मानसिकता समझ में नहीं आती, आप इतनी आसानी से किसी को गाली कैसे दे सकते हैं।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है। अब समय आ गया है कि ट्रोलर्स से सख्ती से निपटा जाए।
नेहा ने कहा मैं केवल एक जज ही नहीं, बल्कि एक मेंटर भी हूं।
अनेक सुंदरियों के बीच में से किसी एक को चुनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।
हमारी कोशिश होती है कि ब्यूटी ताज उसी के सिर पर सजे जो सचमुच उसके योग्य हो, हालांकि प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागी एक से बढ़कर एक होते हैं।
बड़ी प्रतियोगिता के बाद ही लड़कियां फाइनल राउन्ड तक पहुंचती हैं।
सभी कंटेस्टेंट अपने अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं और सभी अपना बेस्ट देते हैं।
इनमें से किसी एक को चुनना सचमुच बहुत कठिन काम होता है।
उन्होंने कहा कि फेमिना मिस इंडिया’ के साथ जुड़े होना मेरे लिए गर्व की बात है।
नेहा धूपिया के इन दिनों दो फिल्मों और एक ओटीटी शो में काम कर रही हैं।
इसके अलावा नेहा ने शॉर्ट फिल्म ‘स्टेप अप’ प्रोड्यूस की है, जो पिछले हफ्ते ही रिलीज हुई है।
यह फिल्म मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा पर आधारित है। नेहा बताती हैं कि लॉकडाउन में हालात के मद्देनजर हमने काफी हिस्सा घर पर शूट किया।
मेरा मानना है कि हालात कुछ भी हो शो जारी रहना चाहिए। कैसा भी समय हो हम हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठ सकते।
सोशल मीडिया पर ट्रोलर से निपटने पर नेहा कहती हैं कि ‘मैं इससे अपने तरीके से निपटती हूं लेकिन सोशल मीडिया आपकी भावनाओं को आहत करता है।
मुझे समझ नहीं आता कि ट्रोल करने वाले किसी की बेटी या बीवी को गाली कैसे दे सकते हैं।
ऐसे हालात में महिलाएं सबसे ज्यादा परेशानी झेल रही हैं। मुझे ऐसे लोगों की मानसिकता समझ ही नहीं आती।
मेरे हिसाब से सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है। अब वक्त आ गया है कि ट्रोलर्स से सख्ती से निपटा जाए।
मैं अक्सर इग्नोर करने में विश्वास रखती हूं लेकिन हमेशा ऐसा हो नहीं पाता है।