प्रयागराज: अतीक (Atiq) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की शनिवार रात गोली मारकर हत्या (Murder) हो चुकी है। पूरे प्रदेश में पुलिस हाई अलर्ट पर है।
सुरक्षा कारणों से CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), दोनों उप-मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों ने अपना सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से हर दो घंटे में रिपोर्ट मांगी
CM Yogi Adityanath ने अफसरों से हर दो घंटे में रिपोर्ट मांगी है। उधर, पुलिस अब तीनों हत्यारोपियों को रिमांड (Remand) में लेने की तैयारी कर रही है। बताया जाता है कि इसके बाद आरोपियों से पूछताछ होगी।
वहीं, इस मामले में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका भी दायर कर दी है। अमिताभ ठाकुर ने मामले की CBI जांच की मांग की है। ऐसे में हम आपको इस मामले में हुए अब तक के 10 खुलासों के बारे में बताएंगे। जिससे कहानी में Twist भी आ सकता है…
तीनों हमलावर अलग-अलग जिलों के रहने वाले थे
अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावरों (Attackers) की पहचान लवलेश तिवारी (Lovlesh Tiwari), सनी सिंह और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार हत्यारे मीडियाकर्मी बनकर आए थे।
तीनों अलग-अलग जिलों से आए थे। पुलिस रिकॉर्ड (Police Record) के मुताबिक, लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर और सनी कासगंज का रहने वाला है।
दो दिन तक की रेकी, फिर दिया अंजाम
पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों 48 घंटे से प्रयागराज (Prayagraj) में एक होटल में कमरा लेकर रुके थे। इसके बाद से वह लगातार अतीक और अशरफ को फॉलो (Follow) कर रहे थे।
लगातार रेकी करने के बाद हत्या का प्लान बनाया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने पूरा रुटीन (Routine) बनाया। उन्हें मालूम था कि अतीक और अशरफ के नजदीक पहुंचने का सबसे आसान रास्ता मीडिया है। यही कारण है कि तीनों ने नकली कैमरा, माइक ID और I-Card बनवा लिया।
भाटी गैंग का निकला एक हमलावर
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सनी सिंह (Sunny Singh) पहले भी जेल जा चुका है और जेल में ही वह भाटी गैंग के मुखिया सुंदर भाटी का खास बन गया है।
उसके ऊपर सुंदर भाटी (Sunder Bhati) के लिए भी काम करने का आरोप है। हमीरपुर जेल में ही उसकी मुलाकात सुंदर भाटी से हुई थी। सुंदर भाटी भी माफिया है। उसके ऊपर कई मामले दर्ज हैं।
एक पर हत्या तो दूसरे पर 15 मुकदमे
पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों हत्यारोपियों पर पहले से Criminal Cases दर्ज हैं।
लवलेश तिवारी: Atiq को पहली गोली मारने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है। उसके खिलाफ गुंडागर्दी और झगड़े के कई मुकदमें दर्ज हैं। लवलेश के पिता पेशे से ड्राइवर हैं और उसका परिवार (Family) किराए के मकान में रहता है। वह दो साल बांदा जेल (Banda Jail) में कैद भी रहा है।
अरुण मौर्या: अरुण मौर्या Kasganj के सोरो के कादरबाड़ी गांव का रहने वाला है। अरुण पर तीन से ज्यादा केस दर्ज हैं। 2014-15 GRP सिपाही की हत्या मामले में भी वह आरोपी है। इसी मामले में अरुण मौर्या उर्फ कालिया जेल जा चुका है।
मोहित उर्फ सनी सिंह: सनी हमीरपुर (Hamirpur) का रहने वाला है और इसका संबंध भाटी गैंग के साथ है। छह महीने पहले ही सनी जेल से बाहर आया था। उसने 12 साल पहले अपना घर छोड़ दिया था।
हमलावर जिस बाइक से आए थे वो अब्दुल मन्नान के नाम पर दर्ज
अतीक और अशरफ की हत्या करने हमलावर जिस बाइक से आए थे, उसके बारे में भी खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये UP70M7337 नंबर की बाइक सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर्ड (Registered) है।
यह नंबर Hero Honda की पुरानी गाड़ी CD-100ss बाइक पर दर्ज है। इसे तीन जुलाई 1998 को कैश देकर खरीदा गया था। बाइक कहां से लाई गई थी और किसने हत्यारों को दी, इसकी भी जांच चल रही है।
तीनों हत्यारों के परिजन पहले ही कर चुके हैं किनारा
Reports के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों (Accused) को पहले से ही उनके घर से बेदखल किया जा चुका है।
तीनों के परिजनों ने कहा है कि उनका हत्यारों से कोई लेनादेना नहीं है।
बड़ा माफिया बनने के लिए वारदात को अंजाम दिया
सूत्रों के अनुसार, पुलिस की पूछताछ में तीनों ने कहा है कि वह बड़ा माफिया (Mafia) बनना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
तीनों हत्यारों ने कहा कि वह कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहेंगे।
पाकिस्तान से जुड़े तार
अतीक और अशरफ की हत्या में तीन अलग-अलग पिस्टल का प्रयोग हुआ। इसमें एक 30 पिस्टल (7.62) स्वदेशी, दूसरा 9 mm पिस्टल गिरसान (तुर्किये में बनी), और तीसरा 9 mm पिस्टल जिगाना (Turkish) शामिल है।
इनकी कीमत 4 से सात लाख रुपये तक की है। जिगाना पिस्टल भारत में बैन है। इसे पाकिस्तान (Pakistan) के रास्ते भारत में सप्लाई किया जाता है। ऐसे में इस हत्याकांड के तार अब पाकिस्तान तक जुड़ चुके हैं।
10-10 लाख रुपये की सुपारी
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अतीक-अशरफ की हत्या (Murder) के लिए तीनों आरोपियों को 10-10 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी।
अब ये सुपारी किसने और क्यों दी अभी तक इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
तीनों हमलावर एक-दूसरे को पहले से जानते थे
सूत्रों के मुताबिक, तीनों ही हमलावर एक-दूसरे को पहले से जानते थे। सनी और लवलेश की मुलाकात बांदा जेल में हुई थी, बाद में दोनों में दोस्ती हो गई, जबकि सनी और अरुण पहले से दोस्त (Friends) थे और सनी ने ही लवलेश की अरुण से दोस्ती कराई थी।