बालासोर: Odisha में हुए दर्दनाक रेल हादसे (Train Accident) ने सबके मन को झकझोर के रख दिया। साल 2016 के बाद यह सबसे बड़ा हादसा है।
इस हादसे में अब तक 233 लोगों की जान जा चुकी है तो 1000 से भी ज्यादा लोग घायल हैं। कई घायलों की अवस्था बेहद ही गंभीर बनी हुई है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। इस हादसे के बाद सेना और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य चला रही हैं।
रक्तदान करने के लिए लगीं लोगों की लाइनें
राहत और बचाव कार्य में टीमों के अलावा स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं। वे घायलों को अस्पताल (Hospital) पहुंचाने समेत कई कामों में सहयोग कर रहे हैं।
घायलों के इलाज के लिए अचानक से खून की डिमांड बढ़ेगी। इलाज के लिए कई Units Blood की जरुरत होगी, यह जरुरत पूरी हो सके इसके लिए लोगों ने मानवता की मिशाल पेश की है।
लोग अपने आप ही अस्पतालों में रक्तदान करने के लिए पहुंच रहे हैं। हालात यह हैं कि अस्पतालों में रक्तदान करने वालों की लाइनें लगी हुई हैं।
एक जानकारी के अनुसार बालासोर (Balasore) में रात भर में 500 यूनिट खून एकत्र किया गया है।
ओडिशा में एक दिन का राजकीय शोक घोषित
वहीं इस हादसे के बाद राज्यभर में एक दिन का राजकीय शोक (State Mourning) की घोषणा की गई है।
प्रदेश के सूचना विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (CM Naveen Patnaik) ने एक दिन के राजकीय शोक का आदेश दिया है।
10 लाख रुपये का मुआवजा
पूरे राज्य में 3 जून को कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा। वहीं रेलवे ने इस हादसे के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।
मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा (Compensation) दिया जाएगा जबकि घायलों को 2-2 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
मामूली रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।