BPSC Teacher’s Forced Marriage: पकड़ौआ विवाह (Catch Marriage) की परंपरा अब बिहार के कई जिलों में फिर से चर्चा में है।
साल 2024 में, इस परंपरा में अचानक इजाफा देखा गया है। हाल ही में बेगूसराय जिले के एक BPSC शिक्षक (BPSC teacher) का पकड़ौआ विवाह हुआ है।
यह घटना बिहार में पकड़ौआ विवाह के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करती है, और समाज में इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। इस प्रकार की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार और समाज को सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।
यह घटना तब सामने आई जब शिक्षक ने अपनी चार साल पुरानी प्रेमिका से शादी करने से इनकार कर दिया। लड़की पक्ष के लोगों ने गुस्से में आकर उसे पकड़ लिया और मंदिर में उसकी शादी करवा दी। यह मामला कटिहार जिले का है, जहां
BPSC शिक्षक Avnish Kumar ने अपनी प्रेमिका गुंजन से लंबे समय तक रिश्ते में रहने के बावजूद शादी से मना कर दिया।
लड़की के परिवार वालों ने इस इनकार से नाराज होकर अवनीश का अपहरण कर लिया और एक मंदिर में उसकी शादी करवा दी।
70 से अधिक पकड़ौआ विवाह हो चुके हैं 2024 में
शादी के बाद जब लड़की अपने ससुराल पहुंची, तो लड़के के परिवार ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया, और मारपीट का आरोप भी लगाया।
लड़की ने इस पूरे घटनाक्रम के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है, और न्याय की गुहार लगाई है। हालांकि, शिक्षक अवनीश कुमार ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि लड़की का उनके साथ कोई प्रेम संबंध नहीं था और उसे बार-बार परेशान किया जाता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका अपहरण किया गया और जबरन शादी करवाई गई।
पकड़ौआ विवाह का इतिहास बिहार में 1980 के दशक से जुड़ा हुआ है, खासकर मिथिलांचल के क्षेत्रों जैसे बेगूसराय, दरभंगा और मधुबनी जिलों में।
इस परंपरा में शादी के लायक लड़के का अपहरण किया जाता है और फिर उसे धमकाकर विवाह के बंधन में बांध दिया जाता है। 1990 के दशक में इस परंपरा में कमी आई, लेकिन 2024 में इसके मामलों में फिर से वृद्धि देखने को मिली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मिथिलांचल समेत बिहार के 18 जिलों में 2024 में 70 से अधिक पकड़ौआ विवाह हो चुके हैं।